बालक और बालिकाओं के साथ हो रहे अपराधों को रोकने में बाल कल्याण अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका- -युवा विकास मंडल और जिला पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महिलाओं और बालकों के साथ हो रहे अपराधों की रोकथाम और जागरुकता कार्यशाला आयोजित- कार्यषाला में शामिल हुए जिले के थानों के थाना प्रभारी, बाल कल्याण अधिकारी, सीडब्ल्यूसी और डब्ल्यूसीडी के अधिकारी और पदाधिकारीराजगढ़। महिलाओं और बालक-बालिकाओं पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा।
इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए निरंतर रुप से जागरुकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।उक्त विचार राजगढ़ के जिला पंचायत कान्फ्रेंस हॉल में निर्भया कार्यक्रम के तहत युवा विकास मंडल संस्था और जिला पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को जिला पंचायत कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला महिलाओं और बालकों के साथ हो रहे अपराधों की रोकथाम और जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजगढ़ एसपी वीरेंद्र कुमार सिंह ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रही हिंसा और उत्पीड़न को रोकने में बाल कल्याण अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इन्हें इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए हमेषा तत्पर रहना चाहिए। इसके साथ ही सभी पुलिस अधिकारियों को मिलकर संयुक्त रुप से मिलकर कार्य करना चाहिए तभी हमें सफलता मिलेगी। कार्यक्रम को अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक मनकामना प्रसाद, जिला पंचायत सीईओ अक्षय टेमरेवाल, डीएसपी सनम बी खान, डब्ल्यूसीडी के सहायक संचालक ब्रिजेश वर्मा ने ने कार्यषाला को संबोधित किया। इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत आंवले के पौधे भंेट कर किया गया।
इस अवसर पर पॉक्सो एक्ट 2012 के विशेषज्ञ अमु विन्जुदा ने पॉक्सो एक्ट को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट को लेकर पुलिस अधिकारी तो गंभीर हैं, लेकिन अभी भी कई जगहों पर उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बालक या बालिका के साथ कोई घटना होती है तो उससे निपटने के लिए हम सभी को गंभीर रहना होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में मेडिकल को लेकर सर्वाधिक समस्या आती है। इन मामलों में हम सभी को मिल-जुलकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि थानों में पदस्थ बाल कल्याण अधिकारियों को और अधिक गंभीर होने की आवष्यकता है ताकि नाबालिकों के साथ हो रही घटनाओं में त्वरित रुप से कार्रवाई की जा सके। इस अवसर पर युवा विकास मंडल संस्था की एकता मौर्य ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के समय में सभी मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से गुजर रहे हैं।
लेकिन इसे कोई भी पहचान नहीं पाता है। मानसिक स्वास्थ्य के तहत आने वाली समस्या को पहचानने और उससे निपटने के लिए हमें थोड़ा सा सजग रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राजगढ़ साइबर सेल के शशांक सिंह यादव ने साइबर क्राइम, साइबर फ्राड आदि को लेकर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि आज हम जो मोबाइल उपयोग कर रहे हैं उससे हमारी सभी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक हो रही है। यही नहीं मोबाइल में रखे हुए हमारे दस्तावेज सुरक्षित नहीं हैं। यही नहीं मोबाइल के माध्यम से लोग बड़ी ही जल्दी धोखाधड़ी के षिकार हो जाते हैं। यदि आपको इन सारी दिक्कतों से दूर रहना है तो मोबाइल का बहुत ही सावधानी पूर्वक उपयोग करें।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर युवा विकास मंडल की कार्यक्रम अधिकारी प्रिया चांडक ने कार्यक्रम और संस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर संस्था के प्रमुख राजंेद्र मेवाड़ा ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस विभाग से यह आशा की कि हम इस तरह के अपराध न हों यदि हों तो हम कैसे उन पर मिलजुलकर काम करें।
कार्यक्रम में युवा विकास मंडल सीहोर जिले के किषोरी बालिका कार्यक्रम के जिला समन्वयक बाबू कलेसरिया, निर्भया कार्यक्रम के जिला समन्वयक राजाराम, संजय केलकर, रानी चौहान, रामबाबू चौहान, निकिता मेवाड़े मौजूद थे। इनके साथ ही जिले के हर थाने के बाल कल्याण अधिकारी, जिले के थानों के थाना प्रभारी, सीडब्ल्यूसी, डब्ल्यूसीडी के अधिकारी मौजूद थे। युवा विकास मंडल, राजगढ़