कबीर मिशन समाचार इंदौर- ठंड के इस मौसम को ”सेहत का मौसम” भी कहा जाता है और लोग इस मौसम में जहां
ड्रायफ्रूट्स आदि का सेवन कर अपनी ”शक्ति” बढ़ाते हैं, तो सुबह की सैर, योग आदि करने से लेकर जिम में भी पसीना बहाने का चलन बढ़ गया है
… इसी विषय को लेकर इन दिनों इंदौर के दो नेता भी जमकर वायरल हो रहे हैं… दरअसल, गत दिनों इंदौर के दो नम्बरी विधायक रमेश मेंदोला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह सेहत को लेकर आमजन को सजग करते नजर आए.
.. इस वीडियो में वे ”मशीन पर दौड़” तो लगा ही रहे हैं, वहीं ”दादा” ने डम्बल्स उठाकर ”अपनी ताकत” का प्रदर्शन भी किया… जब ”दादा” ने ”दम” दिखाया, तो ”भाई” यानी इंदौर के एक नम्बरी विधायक और काबिना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी पीछे कैसे रहते..! श्री
विजयवर्गीय ने भी जिम में जमकर पसीना बहाया और जनता को ”सेहत बनाने का ज्ञान” देते भी नजर आए… ”आरके स्टूडियो” (टीम रमेश जी-कैलाश जी) कुछ करे और ”हलचल” न हो, ऐसा शायद ही कभी हुआ हो..? और इस बार तो दोनों ने ”पसीना बहाया” है..! मेंदोला-विजयवर्गीय के सोशल मीडिया पर वायरल हुए इन
वीडियो को लेकर ”राजनीतिक चश्मे” से तरह-तरह की ”काल्पनिक नजारे” भले ही ”राजनीतिक पंडितों” को नजर आ रहे हों, लेकिन इन वीडियो को देखकर कुछ ”पुराने पहलवानों” (हालांकि ”पहलवान” कभी ”पुराना” नहीं होता!) के बीच अलग ही
चर्चा चल पड़ी है..? वे चौराहों पर चाय की चुस्की लेते हुए एक-दूसरे से कह रहे हैं – ”बेहतर होता कि ये दोनों नेता ”जिम का प्रचार” करने की बजाय अपनी पहचान खोते जा रहे इंदौर के किसी ”अखाड़े” में ”वर्जिश” करते नजर आते..! इससे ”नशे की ओर बढ़ते” युवाओं के कदम को ”पहलवानी की राह
” नजर आती… मालूम हो कि किसी जमाने में इंदौर को ”पहलवानों की नगरी” भी कहा जाता था और इस शहर में होने वाली कुश्तियों की चर्चा ”चहुंओर” होती भी थी… खैर! अब भी कुछ नहीं बिगड़ा… नेताओं के ”प्रचार मंत्रियों” को चाहिए कि वे अपने नेताओं को अखाड़े ले जाएं… इन अखाड़ों में नेताओं से बनेठी घुमवाएं…
(चाहें तो हल्की-फुल्की कुश्ती भी लड़वाई जा सकती है..?), बनेठी घुमवाएं… आदि क्रियाएं करवाते हुए ”धांसू वीडियो” बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करवाएं… इस ”अखाड़ी वीडियो” को ”जिम”नात्मक वीडियो’
‘ से ज्यादा लाइक-कमेंट्स मिल सकते हैं और नेताजी का कई गुना अधिक प्रचार-प्रसार होगा ही, वहीं ”इंदौर की अखाड़ेबाजी” एक बार फिर से जीवित हो सकती है..!?” और हां, अब तो
प्रदेश के मुखिया (मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव) भी ”अखाड़ा प्रेमी” हैं
हीं… वे जब ”सोटा चलाने” से लेकर ”तलवारबाजी” कर सकते हैं तो हमारे नेतागण भी कम नहीं… ”कौन कितना बड़ा पहलवान” के ”टाइटल” से इस तरह के आयोजन इंदौर में किए
जा सकते हैं… और एक अच्छा ”अखबारी शीर्षक” भी बन सकता है… ”स्वच्छता के बाद ”पहलवानी” में भी इंदौर बनेगा नम्बर वन..!!!”
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