तहसील गरोठ जिला मंदसौर। कबीर मिशन समाचार पत्र गरोठ, सुरेश मेहर संवाददाता
गरोठ नगर के गाँव रूपरा चौराहे पर स्थित श्री देवनारायण मंदिर परिसर में संगीतमय सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन पंडित श्री तिलक राज शास्त्री ने रुक्मणी विवाह की दिव्य कथा अपने मुखारविंद से श्रद्धालुओं को श्रवण कराई।
इस अवसर पर पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा की वाणी हमें जीवन जीने की कला सिखाती है भगवान कृष्ण ने जो कहा वह करना चाहिए भगवान राम ने जो कहा वह करना चाहिए भगवान कृष्ण के बताए मार्ग पर सदैव चलना चाहिए, तो निश्चित रूप से हमारे जीवन में सफलता अवश्य मिलती है।
श्रीमद् भागवत ज्ञान कर्म फल के आधार पर हमें जीना सिखाती है इसलिए हमें सदैव सत्य बोलना चाहिए और सत्कर्म करना चाहिए तभी हमारा जीवन सफल हो सकता है। रुक्मणी विवाह हर्षोल्लास धार्मिक वातावरण में संपन्न हुआ भगवान ठाकुर जी की बारात डीजे गाजे बाजे के साथ ग्राम डिडोर से रूपरा कथा स्थल श्रीमद्भागवत कथा प्रांगण में पहुंची जहां पर बारातियों का स्वागत आयोजन समिति द्वारा किया गया।
सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन आज होगा समापन मैं प्रधान कुंड में बैठने वालों की बोली लगाई गई जिसमें प्रथम बोली कमल सिंह पिता नारुसिह ने 55,000 151 की बोली रही, पूर्व की भागवत कथा में भी इन्हीं के द्वारा 1 लाख 11,000 ₹101 की बोली प्रधान कुंडा मैं हवन बैठने हेतु लगाई गई थी