भिण्ड 09 मार्च 2024/
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार दिनांक 09 मार्च 2024 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन श्री राजीव कुमार अयाची, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के निर्देशानुसार एवं श्री डी.पी. मिश्र विशेष न्यायाधीश/समन्वयक अधिकारी नेशनल लोक अदालत तथा श्री हिमांशु कौशल जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के मार्गदर्शन में किया गया। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 26 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था जिनमें सुलहकर्ता सदस्य के रूप मे नामित अधिवक्तागणों द्वारा अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया गया जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार में लंबित कुल न्यायालयीन प्रकरण संख्या 475 प्रकरणों का निराकरण किया गया
जिसमें कुल 1095 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि 18948492/(एक करोड नबासी लाख अड़तालीस हजार चार सौ बानवे)-रूपये का अवार्ड पारित किया गया। उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन जिनमें जलकर सम्पत्तिकर, विद्युत बी.एस.एन.एल, बैंक आदि के कुल प्रीलिटिगेशन प्रकरण संख्या 1437 का निराकरण किया गया, जिसमें 1631 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 13670243/-रूपये (एक करोड़ छत्तीस लाख सत्तर हजार दो सौ तैतालीस रूपये)राशि वसूल की गई। वर्ष 2024 की प्रथम नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठों द्वारा कई मामलों में पक्षकारों के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुये दोनों पक्षों को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारों को पौधे भेंट कर उन्हें जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांतिपूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी गयी।
लोक अदालत में मिला त्वरित न्याय, पीड़ित को प्राप्त हुए 22 लाख रूपये
खण्डपीठ क्र. 1 के पीठासीन अधिकारी श्री राजीव कुमार अयाची, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश भिण्ड के न्यायालय में लंबित एक प्रकरण जिसमें भिण्ड निवासी मृतक फूल सिंह दिनांक 08.05.2022 को जब अपनी मोटर साइकिल से भिण्ड आ रहे थे तभी पीछे से तेजी से आता हुआ एक ट्रक ने उनको टक्कर मारी जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए तथा इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी विधवा पत्नी श्रीमती कांती द्वारा न्यायालय से मुआवजा देने की गुहार की गई तथा क्लेम प्रकरण क्रमांक 138/22 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में दर्ज हुआ। उक्त प्रकरण वर्ष 2022 से चल रहा था उक्त प्रकरण में दोनों पक्षों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा राजीनामा करने के लिए प्रेरित किया गया जिस पर पीड़िता श्रीमती कांती की ओर से अधिवक्ता श्री नरेश सिंह बघेल तथा यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस की ओर से अधिवक्ता श्री अटल बिहारी टांक के प्रयासों से उक्त प्रकरण का राजीनामा इस आधार पर हुआ कि इंश्योरेंस कंपनी श्रीमती कांती देवी को 22,00,000/-(बाईस लाख रूपये) मुआवजे के तौर पर देगी। इस प्रकार वर्षों से चले आ रहे प्रकरण का राजीनामा से अंत हुआ तथा त्वरित एवं सुलभ न्याय की संकल्पना को सभी के सामूहिक प्रयासों से मूर्त रूप दिया तथा श्रीमती कांती देवी को प्रकरण के निराकरण के फलस्वरूप भेंट के तौर पर फलदार वृक्ष सचिव द्वारा प्रदत्त किया गया तथा उनके एवं उनके परिवार की खुशहाली की शुभकामनाएं देते हुए खुशी-खुशी उन्हें विदा किया।
65 लाख रूपये पर दोनों पक्ष हुए सहमत वर्षों से चल रहे विवाद का हुआ अंत
खण्डपीठ क्र. …. के पीठासीन अधिकारी श्री कमलेश भरकुंदिया मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय के प्रकरण क्र. 230/22 जिसमें वादी एवं प्रतिवादीगण दोनों एक संयुक्त हिंदू परिवार के सदस्य हैं। जिनके मध्य परिवार की विभिन्न चल अचल संपत्तियों को लेकर कई वर्षों से विवाद था। पीठासीन अधिकारी द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश दी गई वे आपस के मन-मुटाव को भुलाकर राजीनामा के माध्यम से अपने प्रकरण का निराकरण करें जिससे उन्हें धन एवं समय दोनों की बचत होगी। पीठासीन अधिकारी द्वारा दी गई समझाईश पर विचार करते हुए दोनों पक्ष सुलाहनामा के लिए राजी हुए जिसमें प्रतिवादीगण वादी को 65 लाख रूपये की राशि अदा करने को तैयार हुए इस प्रकार से वर्षों से चल रहा विवाद आपसी सुलहनामें से समाप्त हुआ तथा विखरा हुआ परिवार फिर से एक हुआ।