वृद्धाआश्रम में मनाया मां संगीता गोयल का जन्मदिन।
खलबुजूर्ग। जन्मदिन तो सब मनाते हैं अपना केक काटकर गुब्बारे लगाकर पर इस जमाने में मानव सेवा ही परम धर्म है जिसे हर कोई नहीं अपनाता है। ऐसे मौके पर वृद्धाआश्रम में बुजुर्गों के बीच जन्मदिन मनाना एक सौभाग्य से कम नहीं है। बुजुर्गो का आशीर्वाद भी कोई वरदान से कम नहीं होता है। जिसे मिल जाता है वह भवसागर पार हो जाता है।
ऐसा ही एक जन्मदिन रविवार को राज गोयल, सलोनी गोयल, विशाल के द्वारा अपनी माता जी श्रीमती संगीता गोयल जी का उनके बच्चो ने नर्मदा किनारे स्थित खलबुजुर्ग वृद्धाआश्रम आशा निकेतन में अपने परिवार के साथ मनाया। श्रीमती संगीता गोयल ने बताया कि जन्म दिवस आदि खुशी के अवसर पर हमे जरूरतमदों को अपनी स्थिति अनुसार दान करना चाहिए। जिससे उनके चेहरे पर खुशी नजर आ सके।
संगीता गोयल ने आगे बताया कि आज की दुनिया में कोई भी खुशी देने के बजाए दुख देते हैं, हमे ऐसा बनना चाहिए कि हमारी वजह से किसी को दुख या उसके चहरे पर आंसू ना आए।राज, सलोनी गोयल, विशाल ने बताया कि मौत को गले लगाने को तो अनेक रास्ते है, मगर जन्म लेने के लिए सिर्फ मां की कोख ही है। इस लिए मां बच्चो की प्रथम गुरु भी मानी जाती हैं।
बच्चों के द्वारा वृद्धाआश्रम में निवासरत बुजूर्ग महिलाओ को वस्त्र देकर उनका आशीर्वाद भी लिया। गोयल परिवार जो की गरीब निर्धन व्यक्तियों की हर समय संभव मदद करते रहते है। जन्मदिन के इस मौके पर परिवार सहित अनेकों परिचितों ने शोशल मीडिया, फोन कॉल, प्रत्येक्ष रूप आदि से अनेकों बधाइयां प्रेषित हुई तथा
बच्चों आदि ने बुजुर्गो के आशीर्वाद से मां के उज्जवल भविष्य की कामना की एवं बुजुर्गो ने आशीर्वाद देते हुए जन्मदिन कि बधाई एवं शुभकामनाएं दी।रूपेश भंडोले, उमेश आरोले, रितिक निगवाल, प्रथ्विराज चौहान, कविता मोये, विशाल भमोरिया आदि उपस्थित रहे।