कबीर मिशन समाचार।
(पवन शर्मा: 9407423966)
आधुनिक युग मे तेज़ी से बढ़ता साइबर क्राइम का ग्राफ अत्यंत चिंतनीय विषय बन गया है। हर दूसरे मोबाइल यूज़र्स के पास कभी न कभी फ़्रॉड एवं फेक कॉल अवश्य आया है। भारत की साइबर साक्षरता का प्रतिशत 5 से भी कम है। ऐसे में लाखों लोग इन साइबर क्राइम के शिकार होने लगे है। ये अपराध निरंतर बढ़ रहे है। हालांकि सरकार और पुलिस दोनों ही अपने अपने स्तर पर हर साइबर अपराध के बारे में समय समय पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास तो करती है लेकिन इसमें नित नए किस्म के फ्रॉड और लुभावने आकर्षण से कई लोग अनजान है। कोई बैंकिंग ठगी तो कोई हसीन महिलाओं के माया जाल में उलझ कर रह जाते है। फेसबुक, व्हाट्सएप्प जैसे अनेकों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर और फर्जी साइट्स की ना समझी लोगों को उनका शिकार बनाने में लग जाती है। यूज़र्स भी बिना पड़ताल के लोभ के चलते उनका(साइट्स) का इस्तेमाल कर लेती है। अनजाने में यूज़र्स मोबाइल में कई apps डाउनलोड कर लेते है जिसमे इंस्टालेशन के समय ही यूज़र्स के मोबाइल की लोकेशन, कॉन्टेक्ट्स, कैमरा, गैलरी सहित समस्त परमिशन्स ग्रांट हो जाती है। जिससे app की मैन वेबसाइट्स से यूज़र्स का सारा डेटा क्लोन हो जाता है। लेकिन भारत के अधिकांश यूज़र्स इन सभी बातों की जानकारी के आभाव में ठगी या ब्लैकमेलिंग का शिकार हो जाते है। इन अपराधों का ग्राफ इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि यह चिंता का विषय बन गया है।
बड़े बड़े प्रलोभन, गिफ्ट, ईनाम आदि के चक्कर मे अपनी बैंक डिटेल्स, ओटीपी आदि तक उन साइबर अपराधकर्ताओं को शेयर कर देते है।
ये लोग इतने शातिर होते है कि अपने फ़ोन नं और अपनी साइट्स का ip address रेंडमली चेंज करते रहते है। जिससे पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स को भी इन्हें ट्रेस करने में समस्या आती है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है जिस तरह बचपन मे हमे किसी भी अनजान से दूर रहने को कहा जाता था वैसे ही इन जैसी अनजान साइबर एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए।
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