मध्यप्रदेश। कबीर मिशन समाचार
मध्य प्रदेश में हनीट्रैप कांड की अश्लील सेक्स सीडी को लेकर आक्रामक हुई कांग्रेस अब अपने ही जाल में उलझती दिख रही है। अपने पास सीडी होने का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अपने बयान से पलट गए हैं। वहीं, बीजेपी नेताओं को अपने घर पर सीडी देखने के लिए आमंत्रित करने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी चुप्पी साध ली है। इससे बीजेपी को कांग्रेस के खिलाफ हमलावर होने का मौका मिल गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के इस खुलासे के बाद राज्य की सियासत में हलचल आ गई थी। चचाएं चल पड़ी थीं कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में कोई बड़ा धमाका कर सकती है। इसी दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दोनों नेताओं को आड़े हाथों लिया था और यहां तक कहा था कि कांग्रेस नेताओं के पास सीडी है तो वह सामने लाएं। दोनों नेता संवैधानिक पदों पर हैं। यह मामला कोर्ट में है। इसके बावजूद वे साक्ष्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं।
एक तरफ जहां कमलनाथ कुछ सेकंड की वीडियो क्लिप देखने की बात कर रहे हैं तो वही गोविंद सिंह इन सवालों से ही किनारा करने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में जब उनसे इस मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जो कहना था, वह पहले कह चुके हैं।
उनका बयान अखबारों में छप चुका है। अब वे इस पर कुछ भी बोलना नहीं चाहते। कांग्रेस के दोनों नेताओं के बयानों में आए बदलाव कहीं न कहीं पार्टी के बैकफुट पर जाने के संकेत देने लगे हैं। वहीं पार्टी इस मामले को और आगे खींचने के लिए तैयार भी नजर नहीं आ रही है।
कांग्रेस के इस रुख ने अब बीजेपी को हमलावर होने का मौका दे दिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नेताओं का व्यवहार गैर जिम्मेदारों वाला है। वे सीडी मामले को जबरदस्ती सेंसेशनल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनके पास कोई सबूत नहीं हैं। कमलनाथ अब इस मामले में बच नहीं सकते क्योंकि उन्होंने कोर्ट के साक्ष्य को देखने की बाक सार्वजनिक रूप से स्वीकारी है।