मप्र। भोपाल। कबीर मिशन समाचार। मध्यप्रदेश में ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले की जांच व पेपर लीक के खिलाफ कानून बनने संबंध में नेशनल एजुकेशन युथ युनियन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रखी अपनी मांगे।
मामले में अब फिर से राजनीतिक गर्मा-गर्मी हो गई है। प्रदेश के बच्चे, युवा एक दशक से अच्छी शिक्षा और नौकरी के इंतजार में दिन रात एक कर रहे हैं, लेकिन न अच्छी शिक्षा मिल पा रही और न नौकरी? इंतजार करते करते चुनावी साल में जैसे तैसे भर्तियां निकली हैं। कई भर्तियों पर कोर्ट की स्टे लगी हुई है। लिहाजा सब कुछ हो जाता है। भर्ती निकलती है।
परीक्षा होती है और नौकरी लगने ही वाली होती है कि घोटाना सामने आ जाता है। जिनकी नहीं लगी वे किस्मत को दोष देकर शांत हो जाते हैं और जिनकी लग जाती है उनके पीछे घोटाला पड़ जाता है। यह एक तरह से देखा जाए तो सरकार का फेलियर है। खैर मप्र को ऐसे घोटालों कि 2012 से आदत लगी हुई है। यह कोई नई बात नहीं है और कुछ भी होने से रहा। अब देखते हैं यह घोटाला कितने दिन चलता है ?
क्योंकि अभी चुनाव में देर है और कई परीक्षा होना बाकी है। इसी मामले को लेकर एक युनियन खड़ी हो गई है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को पत्र लिखा है जो सोशल मीडिया पर डाला गया है। वहीं विपक्ष ने भी आरोप लगाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने जमकर विरोध किया है। वहीं एबीवीपी और एनएसयूआई का भी विरोध देखने को मिला है।
अभी हाल ही में व्यापम द्वारा ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 की भर्ती परीक्षा से संबंधित टॉप 10 अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई जिसमें टॉप 10 छात्रों में से 7 छात्र केवल ग्वालियर के NRI कॉलेज के परीक्षा केंद्र से हैं साथ ही इन टॉपर की उत्तर पुस्तिका का अध्ययन करने पर हमें मिला है कि छात्रों ने अपने परीक्षा फॉर्म में अपने हस्ताक्षर हिंदी में किए है जबकि इन लोगों ने अंग्रेजी विषय के पेपर में 25 में से 25 नंबर प्राप्त किए हैं इनमे से कुछ छात्र ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार एग्जाम दी और उसमें टॉप कर दिया।
महिला अभ्यर्थी जिन्होंने पटवारी जॉइनिंग के लिए प्राथमिकता दी है जबकि सर्वाधिक नंबर होने पर पटवारी से उच्च स्तर की पोस्ट का विकल्प था। परीक्षा में उत्तर देते समय इन्होंने उन्हीं विकल्पों का चयन किया है जो कुछ विकल्प व्यापम द्वारा गलती से कुछ प्रश्नों के उत्तर में दे दिए गए थे। ऐसा प्रतीत होता है जैसे इन्हे व्यापम द्वारा जारी उत्तर पुस्तिका पहले ही मिल चुकी थी। इन सभी कारणों के साथ और भी घटनाएं है जिससे समझ में आता है ग्वालियर के NRI कॉलेज में पेपर लीक को अंजाम दिया गया।
पत्र में रखी अपनी मांग।
1.उक्त भर्ती, जिस परीक्षा एजेंसी से कराई जा रही है वह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट की हुई है। फिर भी ESB ने इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया।
2. परीक्षा पेपर में प्रश्न को लेकर सवाल खड़े हुए है कि एक पेपर में 30-35 प्रश्न गलत है, कुछ के उत्तर गलत है, कुछ ट्रांसलेट गलत है, कुछ डाटा से बाहर है फिर भी इनके इतने अधिक नंबर आना सन्देह से भरा है।
3. जब परीक्षा चल रही थी तब ग्वालियर, मुरैना, सागर के कुछ संदिग्ध पकड़ाए थे जो पैसा लेकर थंब क्लोन बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे।
4. भर्ती परीक्षा मे जानबूझकर परीक्षार्थी को पास के सेंटर छोड़कर 400-500 KM दूर सेंटर दिए गए, (ऐसा किस उद्देश्य से किया पता नहीं)
5. जून 2023 की खबर है कि ESB ने भर्ती बिना जैमर के करा दी गयी जबकि ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में जैमर अत्यंत जरूरी है।
6. विगत वर्ष 2022 से शिक्षक भर्ती वर्ग 3 की परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा सामने आया था जिसमें ANYDESK था।
परीक्षा की CBI जांच हो। टॉप 10 टॉपर्स की पूरी विडियो ग्राफी जिसमें उनका रिस्पॉन्स टाइम प्रदर्शित होता हो उसे जारी किया जाय के जरिये स्क्रीन शेयर कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था, तब भी यही ब्लैक लिस्टेड परीक्षा एजेंसी थी।
उन्ही 10 टॉपर्स का विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में मिडिया ट्रायल कराया जाए। ये समस्त जाँच समय बद्ध तरीके से 10 दिन में ही पूर्ण की जाए। उपरोक्त जांच पूरी होने तक डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन और नियुक्ति की प्रक्रिया को लंबित किया जाय। आगे आने वाली समस्त परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को बन्द कर परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाय। दिव्यांग कोटे में पात्रता हेतु कई अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए जा रहे है जिनकी जांच करवा कर दोषियों को सजा हो ।
सभी बिंदु से इस एग्जाम में धांधली की शंका मध्यप्रदेश के हजारों छात्रों के बीच व्याप्त हो रही है मध्यप्रदेश के तमाम युवाओं का आप से निवेदन है मध्यप्रदेश में पेपर लीक के विरुद्ध में कानून बनाया जाए जिसमें प्रावधान किया जाए जो भी व्यक्ति पेपर लीक का दोषी पाया जाता है उसे आजीवन कारावास की सजा मिले ।