दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट। सरस्वती शिशु मंदिर बुंदेला कालोनी दतिया मनाया गया जिसमें विश्व हिन्दू परिषद के कार्यों के अलावा हिन्दू समाज को संगठित कर, समरसता, सेवा, गोरक्षा, को बल देगे -विश्व का सबसे बड़ा हिंदू संगठन है जिसकी स्थापना 1964 में पूज्य स्वामी चिन्मयानन्द जी के मुंबई स्थित सांदीपनी आश्रम में 29 अगस्त 1964 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर हुई थी। इसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, हिंदू धर्म की रक्षा और हिंदू समाज के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर काम करना है। विहिप ने साठ वर्षों में कई प्रमुख उपलब्धियां प्राप्त की है, जिनमें से कुछ इस प्रकार है। इसी क्रम सारी भंते बुद्ध विहार दतिया ने कहा 1966 में प्रयाग में सम्पन्न प्रथम हिन्दू सम्मेलन में सभी सम्प्रदायों के प्रमुख धर्माचार्यों व संतों ने एक मंच पर उपस्थित होकर घोषणा की ‘धर्मान्तरण को रोककर, भिन्न-भिन्न कारणों से मुसलमान ईसाई बने हिन्दुओं को पुनः वापस हिन्दू धर्म में लाने का संकल्प लिया गया। 1969 में उडुपि में संत सम्मेलन हुआ जिसमें पूज्य संतों ने एक स्वर में घोषणा की हिन्दू धर्म शास्त्रों में छुआ-छूत का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह नारा भी दिया कि
“हिन्दवाः सोदराः सर्वे न हिन्दू पतितो भवेत्’, मम दीक्षा हिन्दू रक्षा मम मंत्र समानता” 1970 में असम के जोरहट शहर में हुआ पूर्वोत्तर राज्यों की हिन्दू सम्मेलन में जन जाति बंधुओं के बीच देश भर के साधू संतों ने नागा रानी गाईन्डिल्यू के साथ ये उद्धघोषणा की वनवासी बन्धु हिन्दू समाज का अनन्य हिस्सा हैं। इसके बाद मिशनरियों, अलगाववादियों के षड़यंत्रों पर विराम लगना प्रारम्भ हुआ। विश्व हिंदू परिषद के मध्य भारत प्रांत के गौ रक्षा प्रमुख श्री शीशपाल जी चौहान ने कहा कि
विहिप ने भारत में गौरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है। इस प्रयास के अंतर्गत, संगठन ने गोहत्या के विरोध में कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए अभियान चलाया है, जिसके परिणाम स्वरुप देश में गौवंश पर कड़े कानून बने हैं। गायों की रक्षा के लिए गौशालाओं की स्थापना की है। भारत में गौरक्षा विभाग द्वारा 200 से ज्यादा गौशालाएँ चलाई जा रही है। घरेलू उपचार व औषधियों का निर्माण पंचगव्य के आधार पर 50 से अधिक स्थानों पर चल रहा है। गौ तस्करों एवं गौ हत्यारों से अभी तक लगभग 25 लाख से अधिक गौवंश को बचाया गया है।
गौवंश आधारित खेती और भारतीय नस्ल की गाय का प्रचार-प्रसार बडे पैमाने पर किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दतिया जिला चिकित्सालय के दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमरैया जी ने कहाअवैध धर्मातरण को रोकना तथा धर्मांतरितों को स्वधर्म में वापस लाना विहिप ने अभी तक लगभग 40 लाख से अधिक भाई बहनों को धर्म परिवर्तन से बचाया है तथा 9 लाख से ज्यादा हिन्दू भाईयों-बहनों को स्वधर्म में वापस लाए है। तथा पिछले एक साल में 8 हजार बहनों को लव जिहाद के षड्यंत्र से बचाया है। राजस्थान के ब्यावर परियोजना में लगभग 1 लाख मुस्लिम धर्मान्तरित हिन्दुओं को घर वापस लाया गया है। बाँसवाड़ा में भी 300 से ज्यादा विद्यालय, 20 छात्रावास और 100 से अधिक संस्कार केन्द्रों के माध्यम से ईसाई बन चुके पचास हजार हिंदुओं की घर वापसी कराई गई है। यहाँ पिछले 15 सालों में एक भी हिंदू ईसाई नहीं बना। इसी प्रकार उडीसा के 7 जिलों में 15 विद्यालयों तथा 700 सत्संगों के माध्यम से लगभग प्रतिवर्ष 2000 से अधिक धर्म परिवर्तित हिन्दुओं की घर वापसी होती है। विहिप के सेवा विभाग द्वारा संचालित 4500 सेवा प्रकल्प चलते है।
जिनमें 31 प्रांतों के 93 स्थानों पर 840 संस्कार शालाएं संचालित है जिनमें 17000 बच्चे पढ़ते हैं। अनसुचित जनजातीय क्षेत्रों में छात्रावास संचालित होते है। इसी प्रकार चिकित्सा की दृष्टि से गोवा और मुम्बई में रुग्ण सहायता केन्द्र के माध्यम से रोगियों की सेवा की जाती है। बाढ़, भूकंप, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय विहिप के कार्यकर्ता तन-मन-धन से राहत सेवा कार्य करते है। विहिप ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की मुक्ति के लिए व्यापक आंदोलन चलाया। इस आंदोलन के कारण 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढाँचे को हिंदू समाज ने ध्वस्त कर दिया। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने श्री राम जन्म भूमि के पक्ष में निर्णय दिया। श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतू श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के द्वारा पांच लाख गांव के लगभग साढ़े बारह करोड़ परिवारों से निधि एकत्र की गई। 22 जनवरी 2024 का रामलला विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। उसी दिन दुनिया भर के लाखों मंदिरों में भव्य कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए। दतिया के विश्व हिंदू परिषद के दतिया प्रखंड मंत्री अवधेश झा में कहा
1995 में जम्मू कश्मीर में अंतकियों ने अमरनाथ यात्रा को बंद करने की धमकी देते हुए कहा था कि अगर कोई आऐगा तो वापस नहीं जाएगा। संतों के आह्वान पर विश्व हिन्दू परिषद ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 51000 बजरंग दल के कार्यकर्ता एक लाख अन्य शिव भक्तों के साथ इस दुर्गम यात्रा पर आए। आज लाखों शिव भक्त अमरनाथ यात्रा पर आते है। कश्मीर में आतंकियों के भय से बूढ़ा अमरनाथ यात्रा बंद हो गई थी तभी बजरंग दल ने पुंछ राजोरी में हिन्दुओं के आत्म विश्वास को जगाकर बूढ़ा अमरनाथ की यात्रा प्रारंभ की। आज लाखों शिव भक्त यहां यात्रा पर आते है।
हरियाणा के मेवात में नल्हड़ महादेव यात्रा, कर्नाटक में दत्तापीठ यात्रा, अयोध्या से जनकपुर तक श्रीराम जानकी बारात यात्रा इस प्रकार के अन्य यात्राओं से देश धर्म के प्रति जागरण, सामाजिक समरसता और एकात्मकता के भाव का जागरण हुआ है। विश्व हिंदू परिषद के दतिया नगर के प्रखंड अध्यक्ष विवेक कुमार द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस शासन में जब राम सेतू के अस्तित्व को नकार दिया था तब 2007 में संपूर्ण देश में विश्व हिन्दू परिषद ने आन्दोलन किया। इस आन्दोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा और सरकार ने स्पष्ट किया कि वे राम सेतु को हाथ लगाए बिना वैकल्पिक योजना बनाएंगे। मंच संचालन अजय राज शर्मा ने किया मंच पर उपस्थित रहे जिला मंत्री मनोज धाकड़ राघवेन्द्र सिंह परिहार अरुण जोशी। प्रेस नोट जारी कर्ता विश्व हिन्दू परिषद जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मैथिलीशरण दुबे।