आरोपी को फांसी देने की मांग।
कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।
सिहोर से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।सीहोर। आदिवासी एकता परिषद ने सींधी के आदिवासी पर हुए जघन्य अत्याचार सहित विभिन्न 21 मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर गुरूवार को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर बंदना राजपूत को दिया। आदिवासी एकता परिषद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सींधी विधायक के प्रतिनिधि भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला के द्वारा आदिवासी के साथ किए गए शर्मनाक दुव्र्यवहार को लेकर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया।
नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने आरोपी को फांसी देने की मांग राष्ट्रपति से की।आदिवासी एकता परिषद के पदाधिकारी जनम सिंह परमार ने बताया की आदिवासियों के साथ मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में अपमान अत्याचार किया जा रहा है। सींधी की घटना से पता चलता है की अनुसूचित जाति जनजाति ,आदिवासी लोगों से कुछ लोग कितनी नफरत करते है।
इस प्रकार कॉमन सिविल कोड कानून बनाकर आदिवासीयों को मिली पहचान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। विकास के नाम पर संरक्षण के नाम पर जन जंगल और जमीन को छीना जा रहा है। नेशनल कॉरिडोर एवम् भारतमाला प्रोजेक्ट के नाम पर 4 लेन 6 लेन 8 लेन और 10-लेन नेशनल का निर्माण कर आदिवासीयों को विस्थापित किया जा रहा है।
मणीपुर में दिवाली पर बड़े पैमाने पर अन्याय अत्याचार आदिवासियों पर किये जा रहे है।श्री परमार ने आगे कहा की आदिवासी बहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर निर्माण करके उनके इलाकों में कथा वाचकों के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। जिससे आदिवासीयों की मूल सभ्यता, संस्कृति कल्चर देवी-देवताओं, पूजा पद्धती खत्म होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। आदिवासी महापुरुषों के इतिहास का विकृतिकरण करने के लिए विभिन्न प्रकार के साहित्य को आदिवासी बहुल इलाकों में फ्री में वितरित किया जा रहा है।
संविधान के आर्टिकल-25 के माध्यम से मिली धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। आदिवासीयों के विरोध में बड़े पैमाने पर फर्जी एफआईआर कर लाखों आदिवासियों को जेल में बंद किया जा रहा है। माफियाओं के द्वारा उनकी जमीन छिनने की साजिश की जा रही है।
प्रदर्शन में धमेंद्र सिंह मालवीय, भीम आर्मी जितेंद्र मालवीय, रामेेश्वर मालवीय, अजय पुरविया, संदीप मालवीय, जीवन सिंह परमार, चांद सिंह मेवाड़ा, शेखर दोहरे, मदन लाल भदोरिया, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा भोपाल संभाग अध्यक्ष बीएस भदोरिया, प्रकाश मालवीय, दीपक मालवीय, अनूप मनडोरिया आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।