यदि कोई अधिकारी कर्मचारी अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ना चाहता है। तो वह उसका संवैधानिक अधिकार है। उसका इस्तीफा सरकार को स्वीकार करना चाहिए। परंतु ऐसी क्या बात है, कि शिवराज आरएसएस बीजेपी की मनुवादी फासीवादी विचारधारा की सरकार, निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर का इस्तीफा स्वीकार करने से डरती है ॽ भयभीत है ॽ सरकार उसका इस्तीफा स्वीकार की जाने के बजाय, उसे प्रताड़ित कर रही हैॽ यदि उसने शासन के नियमों के खिलाफ यदि कोई कार्य किया है। तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही होनी चाहिए। परंतु उसका इस्तीफा स्वीकार नहीं करना, यह उसके साथ कुरूरता सुनियोजित अत्याचार है। निशा बांगरे अनुसूचित जाति वर्ग से है।
और वह आमला से पैदल न्याय यात्रा लेकर अपनी इस्तीफा की मांग को लेकर भारत का संविधान और संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की फोटो लेकर निकाली थी। उस पर मुख्यमंत्री शिवराज सरकार आरएसएस के पुलिसिया गुंडे टूट पड़े। उसके कपड़े फाड़ दिए गए उसे बेइज्जत किए जाने की कोशिश की गई। यह निशा बांगरे के साथ अन्याय नहीं, बल्कि उसके समाज और समूचे अनुसूचित जाति वर्ग के साथ अन्याय और अत्याचार है। निशा बांगरे सोमवार को बैतूल जिले के आमला आरक्षित चुनाव क्षेत्र से अपनी स्वयं की इस्तीफा की मांग को लेकर एमपी नगर डॉ अंबेडकर चौराहा डॉक्टर अंबेडकर मूर्ति के पास पहुंचकर वहां से मुख्यमंत्री निवास जाने के लिए निकली, इतने में उसे और उसके समर्थन में कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री पीपी शर्मा सहित कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता एवं अंबेडकरवादी विचारधारा के लोगों एवं महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल में ठूस दिया गया है। न्याय यात्रा निकलने वाले प्रदर्शनकारी कोई अपराधी प्रवृत्ति के नहीं थे।
निशा बांगरे प्रशासनिक डिप्टी कलेक्टर है। और पीसी शर्मा मध्य प्रदेश शासन के मंत्री रहे हैं और वर्तमान विधायक है। उनकी बात को उनकी मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के बजाय उनका इस्तीफा स्वीकार की जाने के बजाय उनके साथ अपराधियों की तरह मारपीट और एक महिला डिप्टी कलेक्टर का पजामा जानबूझकर फाड़कर उसे बेइज्जत करना, कौन सा कानून हैॽ यह यह भाजपा सरकार आरएसएस की गुंडागर्दी तानाशाह रवैया है। इस मनुवादी शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग अंबेडकर वादियों ने इन मनुवादी फासीवादी ताकतों के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा खोलना चाहिए और प्रदेशव्यापी आंदोलन का शंखनाद करना चाहिए। और भाजपा हटाओ देश बचाओ अभियान छोड़ना चाहिए। परंतु इस अभियान इस आंदोलन में स्वयंभू अंबेडकरवादी समाज के दलालों को दूर रखना चाहिये,
जो भाजपा के नेताओं पार्षद मंत्री मुख्यमंत्री के साथ पंपलेट में अपनी फोटो लगाकर अंबेडकर जयंती, बुद्ध जयंती और कव्वाली के कार्यक्रम करते हैं। ऐसे गद्दार समाज के दलालों के कारण आज अनुसूचित जाति वर्ग निशा बांगरे जैसे जिम्मेदार डिप्टी कलेक्टर के पद पर आसीन लोगों पर अन्याय अत्याचार हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सरकार यह बताएं, कि निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा है ॽ
इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया जा सकता ॽ क्या शिवराज सरकार को आरएसएस को डर है, कि यदि इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया तो अमला आरक्षित सीट बीजेपी की झोली से निशा बांगरे ,कांग्रेस की झोली में चली जाएगी ॽ बस इतनी बात से मध्य प्रदेश का आरएसएस बीजेपी शिवराज सरकार ,,मनुवाद, भयभीत है ॽ यदि ऐसी बात नहीं है, तो कोई वैधानिक, न्यायोचित कारण बताएं। निशा बांगरे का आखिर इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा हैॽ यदि कोई वैधानिक अड़चन नहीं है। तो निशा बांगरे का आज ही इस्तीफा स्वीकार किया। अन्यथा इसका अंजाम वर्तमान में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी आरएसएस को भुगतना पड़ेगा।
विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदेश
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