कबीर मिशन समाचार
नई दिल्ली
साक्षी मलिक ने आज बड़ी घोषणा करते हुए कुश्ती से सन्यास का ऐलान किया। साक्षी ने रोते हुए कहा कि, लड़ाई लड़ी पूरे दिल से लड़ी लेकिन अगर प्रेसिडेंट ब्रजभूषण जैसे आदमी जैसा ही रहता है जो उसका बिलकुल सहयोगी है बिजनेस पार्टनर है वो अगर इस फेडरेशन में रहेगा। तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं और आज के बाद आपको कभी भी वहाँ नही दिखूंगी। सभी देशवासियों को धन्यवाद आज तक मेरा इतना सपोर्ट किया। मैंने देश के लिए जितने भी पुरस्कार जीते हैं आप सब के आशीर्वाद से जीते हैं , मैं आप सभी देशवाशियों की हमेशा आभारी रहुंगी। कुश्ती को अलविदा और अंत मे रोते हुये निकल गई।
आखिर क्या कारण रहा होगा कि साक्षी को कुश्ती को त्यागने का फैसला लेना पड़ा। क्या राजनीति इतनी ताक़तवर है कि जो बेटियां देश के लिए मेडल जीत कर आती है। उन्हें अपने लिए न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़ती है। फिर भी सरकार द्वारा किसी प्रकार से कोई मदद नहीं की जाती है। एक व्यक्ति जिस पर गंभीर आरोप देश के लिए अलग अलग प्रतियोगिता के माध्यम से मैडल जीत कर लाती है देश का सम्मान बढ़ाती है। उन्हें ये दिन देखना पड़ रहे हैं। निश्चित ही मानवता का भयावह रूप इन राजनीतिक लोगों के माध्यम से देखने को मिल रहा है। ऐसा लगता है, कि माननीय न्यायाधीशों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
,कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है, कि ये आंसू मोदी सरकार की देन हैं। देश की बेटी साक्षी मलिक न्याय मांग रही थी। सरकार के तमाम लोगों से मिली, धरना दिया, लाठियां खाईं और आज इतना मज़बूर हो गई कि सन्यास ले लिया। दुर्भाग्य की बात है… देश-विदेश में अपनी ताकत का लोहा मनवाने वाली देश की बेटी आज कह रही है- मैं हार गई।