उज्जैन । एम.पी. ट्रांसको (म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी) ने प्रदेश के अपने पारेषण नेटवर्क से 220 के.व्ही. क्लास के पावर ट्रांसफार्मर्स की दूसरे जनरेशन के आखिरी पावर ट्रांसफार्मर की विदाई कर दी है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि एम.पी. ट्रांसको ने उज्जैन जिले के महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र नागदा के 220 के.व्ही. सब स्टेशन में क्रियाशील स्वदेश निर्मित 40 वर्ष पुराने 220/132 के पावर ट्रांसफार्मर के स्थान पर अधिक क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर को स्थापित किया है। श्री तोमर ने बताया कि लगभग 15 करोड रुपए की अनुमानित लागत से 220 के.व्ही. सबस्टेशन नागदा में इस पावर ट्रांसफार्मर को स्थापित कर इंदौर के स्काडा कंट्रोल सेंटर से रिमोट टेक्नोलॉजी के द्वारा ऊर्जीकृत किया गया।
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया कि पावर ट्रांसफार्मर्स की दूसरी जनरेशन का यह आखिरी पावर ट्रांसफार्मर था जिसे एम.पी. ट्रांसको ने अपने 25 वर्ष से अधिक पावर ट्रांसफार्मर के स्थान पर नए पावर ट्रांसफार्मर लगाने की नीति के तहत बदला है। यह पावर ट्रांसफार्मर चार दशक तक रतलाम के साथ नागदा क्षेत्र को रोशन करता रहा।
क्या है पावर ट्रांसफार्मर की दूसरी जनरेशन
विद्युत क्षेत्र में पहले 220 के.व्ही. वोल्टेज स्तर पर सिंगल फेस पावर ट्रांसफार्मर यूनिट का इस्तेमाल कर विद्युत पारेषण किया जाता था। जिसमें हर फेस के लिये अलग-अलग पावर ट्रांसफार्मर यूनिट उपयोग होती थी, और हर यूनिट की क्षमता जुड़कर एक संयुक्त पावर ट्रांसफार्मर यूनिट कहलाती थी। विद्युत क्षेत्र में नई तकनीकियों के समावेश के साथ लगभग 80 के दशक में सिंगल फेस ट्रांसफार्मर यूनिट के स्थान पर काम्पेक्ट ट्रांसफार्मर का प्रचलन आया, जिसके तहत तत्कालीन म.प्र.वि.मं. ने उस समय नये बने रतलाम 220 के.व्ही. सबस्टेशन में इस 125 एम.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर को स्थापित किया था, जिसे बाद में नागदा 220 के.व्ही. सबस्टेशन में पुर्नस्थापित किया गया था।
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औद्योगिक क्षेत्र नागदा सहित अन्य क्षेत्रों को मिलेगा फायदा
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया कि इस नये 160 एम.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर की स्थापना से औद्योगिक क्षेत्र नागदा के साथ उन्हैल, खाचरोद, आलोट, महदपुर के 132 के.व्ही. सबस्टेशनों के अलावा नागदा के रेल्वे ट्रेक्शन फीडरों, डेडिकेडिट 132 के.व्ही. ग्रेसीम फीडर को भी बहुत फायदा मिलेगा।
उज्जैन जिले की पारेषण क्षमता को मिली सुदृढ़ता
एमपी ट्रांसको उज्जैन के अधीक्षण अभियंता श्री श्री सुभाष साकोरीकर ने बताया कि इस 160 एम.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर के ऊर्जीकृत होने से 220 के.व्ही. सबस्टेशन नागदा की क्षमता बढकर 693 एम.व्ही.ए. की हो गई है, इससे उज्जैन जिले की पारेषण क्षमता को भी मजबूती मिली है। उज्जैन जिले में एमपी ट्रांसको अपने 18 सबस्टेशन के माध्यम से विद्युत पारेषण करती है जिसमें 400 के.व्ही. के 02, 220 के.व्ही. के 03 तथा 132 के.व्ही. के 13 सबस्टेशन शामिल है। उज्जैन जिले की कुल ट्रांसफार्मेशन क्षमता बढकर अब 4799 एम.व्ही.ए. की हो गई है।
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78363 एम.व्ही.ए. हो गई है एम.पी. ट्रांसको की कुल स्थापित क्षमता
एम.पी. ट्रांसको की कुल स्थापित ट्रांसफार्मेशन क्षमता बढ़कर अब 78363 एम.व्ही.ए. की हो गई है, जिसमें 400 के.व्ही. में 11095 एम.व्ही.ए., 220 के.व्ही. में 32630 एम.व्ही.ए. तथा 132 के.व्ही. में 34638 एम.व्ही.ए. क्षमता विद्यमान है। एम.पी. ट्रांसको मध्यप्रदेश में अपने 415 अति उच्चदाब सबस्टेशनों के माध्यम से विद्युत पारेषण करती है, जिसमें 400 के.व्ही. के 14, 220 के.व्ही. के 88 तथा 132 के.व्ही. के 313 सबस्टेशन शामिल है। एम.पी. ट्रांसको के प्रदेश में कुल 1009 पावर ट्रांसफार्मर क्रियाशील है।