दतिया से नगर संवाददाता विकास वर्मा की रिपोर्ट
अतिथि शिक्षकों का दर्द उन्हीं की जुबानी जी हां जैसा कि आप सब जानते है सरकार का दोहरा चरित्र किसी से छुपा नहीं है जहा एक और सरकार के द्वारा, 2 सितंबर को तत्कालीन मुख्यमंत्री के द्वारा मंच से घोषणा कर गुरुजी की तरह अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा कराकर नियमितीकरण का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है।
वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा 30% रिजल्ट का मुद्दा बनाकर अतिथि शिक्षकों को बाहर निकालने की चल रही है बड़े जोर – शोर से तैयारी यहां बेचारे अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए लगातार घर परिवार के साथ सरकार का साथ देने में लगे हुए है
और वहां सरकार उन्हीं के परिवार और उनका पेट काटने में पीछे नहीं है अब देखना होगा सरकार कौन-कौन से नए फंडे लाती है अतिथि शिक्षकों का विकेट गिरने के लिए फिलहाल 30% रिजल्ट की मुहिम तो कायम है बारे अतिथि शिक्षक बेचारे ना घर के और ना घाट के जिस सरकार को जिताकर अपना भविष्य सुरक्षित कर रहे थे उसी सरकार ने दिखाया उन्हें बाहर का रास्ता जिसका जीता जागता है उदहारण हर जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा किए गए आदेशित लेटर किसी से छुपे नहीं है