अशोकनगर मध्यप्रदेश

भारत के वेहत्तर विकास के लिए आज अंबेडकर जैसे अर्थशास्त्री की आवश्यकता: डॉ मटसेनिया

ईसागढ़ जिला अशोक नगर में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की 1३२वी जयंती के पावन अवसर पर १४ अप्रैल २०३३ को भव्य कार्यक्रम का आयोजन ईशागढ नगरवासियों ने पंचशील के झंडे के वैनर तलें किया। संचालन डॉ जवाहर टैगोर ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो वीरेंद्र मटसेनिया ने कहा कि बाबा साहब दुनिया के हर दीन-दुखी के लिए न केवल अच्छा सोचते थे, बल्कि उसके लिए कानून बनाने का प्रयास भी करते थे, भारत के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को भी न्याय मिले इसके लिए एक पवित्र पुस्तक संविधान के रूप में हमें प्रदान की। इस पुस्तक के द्वारा ही आज देश का संचालन विधिवत हो रहा है। बाबा साहब भारत के ही नहीं दुनिया के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे। लेकिन भारत में उनके द्वारा अर्थशास्त्र के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर शोध न होने के कारण उनको एक अर्थशास्त्री के रूप में पहचान नहीं मिल सकी। जबकि ब्रिटेन के महान् अर्थशास्त्री कैनन कहते थे कि अम्बेडकर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बरदान है। भारत में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में जितने भी बड़े विद्वान हैं उन सभी से बाबा साहब अधिक पढ़े-लिखे और डिग्री धारक विद्वान थे, बाबा साहब के द्वारा अर्थशास्त्र के क्षेत्र में हासिल की गई उपाधियों आज भी किसी भारतीय अर्थशास्त्री के पास नहीं है। उन्होंने भारत को केंद्रीय बैंक के रूप में ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ नदियों को जोड़ने वाढ रोकने हेतु बेहतर जल जलप्रबंधन व्यवस्था, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति, और विस्तृत रूप से श्रम सुधारों पर विशेष काम किया।

एक दिन में श्रम के 8 घंटे कार्य करना, महिलाओं को मातृत्व अवकाश, समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था, कार्य के दौरान खाना खाने का समय की व्यवस्था, और महिलाओं को पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार आदि व्यवस्था बाबा साहब ने ही की है। आज देश की महिलाएं समाज में हर कार्य को करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही हैं। कार्यक्रम को स्थानीय विधायक महोदय श्री गोपाल सिंह चौहान ने भी संबोधित किया, इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्रवासियों को एक नए बौद्ध विहार हेतु सम्मानजनक राशि दस लाख रुपए देने की भी घोषणा की। डॉ रामहेत गौतम, डॉ पुरुषोत्तम गौतम, डॉ चिट्टीबाबू ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मा. कालूराम जाटव ने की। और अंत में सभी के प्रति आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम को नगर के गणमान्य नागरिकों द्वारा भी संबोधित किया गया। सैकड़ों की संख्या में नगर वासियों ने कार्यक्रम में अपनी दावेदारी की और कार्यक्रम के अंत में भोजन व्यवस्था भी की गई।

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