कबीर मिशन समाचार।
नीमच।परशुराम जयंती और ईद के अवसर पर शहर में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल देखने को मिला।ईद उल फितर होने की वजह से मुस्लिम समाज द्वारा परंपरा अनुसार शाम के समय अखाड़ा जुलूस निकाला जाता है। और परशुराम जयंती होने की वजह से ब्राह्मण समाज द्वारा इस उपलक्ष के जुलूस निकाला गया दोनों समाजों के जुलूस का समय एक होने की वजह से और रूट भी एक होने की वजह से प्रशासन के सामने एक चिन्ता का सवाल खड़ा हो गया।लेकिन दोनों समाज में आपसी भाईचारा और सद्भाव को जिंदा रखने के लिए जिस तरह से दोनों समाजों ने गंगा जमुना तहजीब को जिंदा रखा। वह शहर के लिए एक अदभुत मिसाल है जैसे कि पता है कि पहले भी इसी तरह के मोहर्रम और ढोल ग्यारस और श्याम भजन संध्या का जुलूस एक साथ होने दोनों समाज एकता दिखाई । आज फिर दोनों समाजों ने शहर की शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए गंगा जमुना तहजीब को जिंदा रखा । वहीं मुस्लिम समाज ने परशुराम जयंती जुलूस का शरबत और ठंडा पानी पिला कर उनका इस्तकबाल किया वहीं परशुराम जयंती के अध्यक्ष व समाज जनों ने मुस्लिम समाज के लोगों को गले मिलकर ईद की बधाई दी और उनका का स्वागत किया ।