मंदसौर

क्या अब भी नहीं होगी जांच अधिकारी व कंप्यूटर ऑपरेटर पर 420 की कार्यवाही

कबीर मिशन समाचार

सोनु चोहान (मल्हारगढ़)
मंदसौर।
मल्हारगढ़ जनपद पंचायत जांच अधिकारियों के कारण गरीब लोग पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा संबल योजना का लाभ मामला मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ जनपद पंचायत से जुड़ा हुआ जांच अधिकारियों के कारण शासन के पैसों का किस तरीके से किया जा रहा बंदरबांट पात्र लोगों के प्रकरण निरस्त कर अपात्र लोगों को किस तरीके से दिलाया जा रहा है जांच अधिकारी द्वारा लाभ इसका जीता जागता सबूत इन दस्तावेजों में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान की सभी योजना में सबसे महत्वपूर्ण योजनाएं संबल योजना को माना जाता है इस योजना का उद्देश्य सीधा गरीबों के हित व गरीबों को लाभ दिलाने का कार्य लेकिन उसके बावजूद भी मल्हारगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली तकरीबन ग्राम पंचायतों में पात्र लोगों को राशि स्वीकृत कराकर सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को फेल करने का कार्य निरंतर मल्हारगढ़ जनपद पंचायत जांच अधिकारी द्वारा जारी है। कई ऐसे प्रकरण और हैं लेकिन हम एक ऐसे ही प्रकरण के सभी दस्तावेजों से यह तो पता चला कि शासन के नियमों के विरुद्ध इस प्रकरण में किस तरीके की जांच अधिकारी द्वारा लीपापोती की गई होगी एक हेक्टर से ज्यादा भूमि मुखिया के नाम पर व उसी परिवार मैं आने वाले सदस्यों के नाम पर चार लाख की सुकृति करा दी गई कई मामले ऐसे है इसी तरीके के मामलों में कई आवेदन गरीब लोगों के निरस्त किए गए लेकिन जो दे उसका भला जो ना दे बुरा ही बुरा यह कहावत भी बखूबी साबित हुई हमेशा से सुर्खियों में रहने वाली जनपद पंचायत व पंचायत में कार्य कर रहे संबल योजना के अधिकारी व कर्मचारी की हदें इतनी पार हो चुकी है कि अब स्वयं शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री के योजनाओं को फेल करने में लगे हुए हैं इस मामले में कलेक्टर कमिश्नर व स्वयं मुख्यमंत्री महोदय को भी इसकी शिकायत की गई। क्या उससे पहले कलेक्टर महोदय इस मामले को संज्ञान में लेकर कठोर कार्रवाई करने में सक्षम रहेंगे या फिर माजरा कुछ और ही निकल कर आएगा आपको उदाहरण के तौर पर बता दे कि यदि कोई व्यक्ति गरीबी रेखा की पात्रता पाता है तो उसके साथ जुड़े या कहें उस परिवार में जुड़े व्यक्ति सभी गरीबी रेखा के पात्र हितग्राही होंगे वैसे ही यह योजना में यदि मुखिया के नाम पर एक हेक्टर से ज्यादा की भूमि है वह एक ही परिवार में निवास करते हैं तो यह अपात्र ही माना जाएगा या फिर कुछ और ही। सामने निकलकर आता है मल्हारगढ़ जनपद पंचायत में कई ऐसे प्रकरण स्वीकृत हुए हैं जिनके आलीशान मकान हैं व एक हेक्टर से कई गुना ज्यादा जमीन हैं। आखिरकार जांच अधिकारी अपनी जांच में ऐसा क्या मंत्र ठोकते हैं कि अपात्र लोग भी पात्र हो जाते हैं व पात्र लोग अपात्र हो जाते हैं।।
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