सरकार ने नाम बदल रही थी अब लोग बदलने लग गए, कोई भदावर मिटा रहा है तो कोई गुर्जर
भिंड। कबीर मिशन समाचार। ट्विटर पर एक वीडियो सामने आया है जो भिंड जिले के फूप थाना क्षेत्र का बौरेशवर नाम मंदिर में एक पुरातत्व विभाग द्वारा साइन बोर्ड लगाया है। जिसको लेकर गुर्जर समाज और क्षत्रिय समाज में नाम को लेकर तनातनी चल रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि यह विवाद दो साल पहले भी हो चुका था और अब दो दिन पहले फिर से नाम की आग सुलग गई है। करणी सेना, क्षत्रिय समाज का कहना है कि मंदिर हमारे पुरखों द्वारा बनाया गया है और इस पर भदावर लिखा था जिसको गुर्जर समाज के कुछ लोगों ने भदावर मिटाकर गुर्जर लिख दिया था।
जिसका विरोध कर करणी सेना अंतर्गत थाना क्षेत्र फूप में विरोध प्रदर्शन किया। अब यह एक वीडियो ट्विटर पर सामने आया है जिसमें कुछ लोग पुरातत्व विभाग के साइड बोर्ड पर लिखा गुर्जर शब्द को किसी वस्तु से मिटाते हुए नज़र आ रहे हैं।
जिससे पुनः विवाद उत्पन्न होने कि वजह बनेंगी। हमने भाजपा सरकार में देखा है नाम बदलने की राजनीति शुरू हुई थी और भाजपा शासित राज्यों में सरकार ने जो नाम बदलने थे बदले हैं।
अब यही नाम की राजनीति जनता में आ गई है वे भी कुछ सरकारी क्षेत्र में नाम बदलने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन इसके लिए कोई प्रोटोकॉल, नियम, आदेश, निर्देश आदि की जरूरत नहीं होती है। बस पत्थर उठाओ और जो मिटाना है उसे रगड़ कर मिटा दो, बाकी लिखने का पता नहीं।
खैर बौरेशवर धाम मंदिर किसने बनवाया है और किसके शासनकाल का बना हुआ है यह तो पुरातत्व विभाग ही बता सकता है और ऐसे विवाद करने से अच्छा है कि आरटीआई लगाकर जानकारी ले और बोर्ड पर ग़लत लिखा है तो प्रशासन को बताएं। लेकिन इस तरह एक पक्ष नाम मिटा रहा है तो दुसरा पक्ष लिख रहा है। अब यह विवाद कहा और कैसे रूकेगा, प्रशासन जाने?