कबीर मिशन समाचार।
भोपाल। प्रदेश कि राजधानी भोपाल मे मेपसेट द्वारा क्रिस्प सेन्टर मे रोजगार से जुड़ी विभिन्न ब्रांचों का प्रशिक्षण/ट्रेनिग कराई जा रही है।
परंतु छात्र रोज़ परेशान है, जहां एक और मेपसेट कि वेबसाइट पर उसकी फेसिलिटी सुविधाओं का वर्णन हज वही छात्रों ने कहा कि एक भी सुविधा निर्धारित रूप से प्राप्त नहीं हुई।
छात्रों ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हमें 70℅ उपस्थित के बाद घर जाने को मजबूर/ प्रताडित किया कुछ छात्र तो डर कर या किसी भी कारण सुनकर चलें गए पर, ना जाने वालो सम्बन्धित कर्मचारी पर गुस्से मे लाल पीले भी हुए।
छात्रों ने बताया कि खाने कि व्यवस्था बहुत हि खराब रही, रोजाना कहने के बाद भी अब लास्ट मे 10 दिन से खाना सही मिला बाको तो सभी छात्र एक एक करके बीमार हुए। रहने कि व्यवस्था पर भी सवाल किया बोले कि जिस कमरे मे 4 लोग रहने कि क्षमता है उसमें जबरजस्ती 8 -10 लोग रखे गए। ओर् जो केयर टेकर नाम से कर्मचारी रहे उन्होंने केयर पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उनका स्वयं का व्यवहार बहुत हि खराब रहा।
छात्रों ने बताया कि हमें जबरजस्ती घर भेज दिया गया व लगभग 10-11 दिन बाद पुनः परीक्षा हेतु बुलाया गया और जब परीक्षा के लिए आए तो परीक्षा वाले दिन सुबह खाना तक नहीं मिला। जब सम्बंधित को बताया तो केवल बोला गया कि हा खाना लगाया जा रहा है, लेकिन इन्तजार कर आखिर मे भूखे हि एग्जाम दी। एग्जाम के बाद तुरंत आदेश दिया गया कि आप हॉस्टल खाली करें। जब छात्रों ने बोला कि सर अब समय 6 भेज गई है और हमने ट्रेन का टिकिट बुक नहीं किया क्योंकि हमें नहीं पता था कि किस समय एग्जाम से फ्री होंगे तो हॉस्टल कर्मचारी द्वारा बोला गया कि आप कहीं भी जाए पर आपको हॉस्टल खाली करना पड़ेगा अभी हालाँकि छात्रों ने मना कर रात हॉस्टल मे हि गुजारी परंतु सुबह होते हि पुनः खाने के लिए मना कर दिया बोले आप अब चुप चाप घर निकल जाओ। छात्रों द्वारा जब इसकी जानकारी मैनेजमेंट अधिकारी को दी गई तब छात्रों को खाना मिला।
इसके पश्चात् भी खाना खाते समय उक्त दुर्व्यवहारी कर्मचारियों ने गुस्से से बातें कि।
अब सवाल सबके सामने है ,क्या यही है मेपसेट मे आकर ट्रेनिंग करने वालोंं का इनाम ???? इन्शानियत नाम कि कोई चीज़ इनके पास नहीं रही???
साथ ही आपको बता दे कि मेपसेट के पोर्टल पर डली हुई जानकारी के। बारे मे जब छात्रों ने क्रिस्प मे जानकारी पूछी तो बोले कि हम नहीं दे सकते आप मेपसेट कार्यांलय् जाकर पता करें।
छात्र उसके मुताबिक मेपसेट कार्यालय पहुंचे और जानकारी हासिल की।
आपको बता दे उक्त जानकारी मे प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को स्टीफंड राशि, यूनिफार्म, सूज, एवं प्लेसमेन्ट आदि का स्पष्ट लिखा हुआ है। मेपसेट से मिली जानकारी अनुसार स्टीफंड, यूनिफार्म,सूज, आदि को बंद कर दिया गया। और प्लेसमेन्ट के बारे मे बताया कि प्लेसमेन्ट करवाना क्रिस्प काम है और करवाएंगे।
अब देखा जाए तो इन सारी चीजो को देखते हुए तो छात्र वाकई मे बहुत परेशान रहे। अब देखना यह होगा कि जो हुआ उसपर ध्यान देकर सुधार होगा या नहीं। प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को प्लेसमेन्ट का लाभ मिलेगा या नहीं? या ये नियम ये सुविधाएं केवल कागजी सजावट बनकर रह जायेगी।