आज मप्र सहित पुरे देश में राजनीति में में बहुत बड़ा भूचाल आया है। इसकी कभी किसी ने उम्मीद नहीं जताई होगी और वो भी ऐसे समय में जो एक महिने बाद मप्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे कांग्रेस को फिर से बड़ा नुक़सान हो सकता है। पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब मप्र के पुर्व मुख्यमंत्री राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इस्तीफा लिखकर सोशल मीडिया पर डाला है जिसको उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया है। ख़बर लगते ही राजनीतिक हलकों में भूचाल का माहौल है। दिग्विजय सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
अपने पांच दशक के राजनीतिक सफर में कई अनुभव मुझे कांग्रेस में रहते हुए मिले। एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर मैने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए तय किया। पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राज्यसभा सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पद तक पहुंचाने का काम किया जिसके लिए मैं आजीवन आभारी रहूंगा।
लेकिन गत कुछ महीनों से शीर्ष नेतृत्व का निष्ठावान कार्यकताओं के प्रति निराशा, नीति और नेतृत्व में उदासीनता देखकर मैं आहत हूं। मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता केंद्रित दल न होकर अब विशेष नेता केन्द्रित हो गई है। जिसकी वजह से खुद को असहज पा रहा हूं । मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चयन में मेरे द्वारा दिए गए नामों पर विचार नहीं किया गया है।
निष्ठावान कार्यकताओं को तरजीह नहीं दिए जाने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मैं अब एक ऐसे पड़ाव पर पहुंच गया हूं जहां मुझे लगता है कि मैं अब ऐसे अन्यायपूर्ण माहौल में नहीं रह सकता। मैं उन सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वर्षों से मेरी विभिन्न पार्टी भूमिकाओं में मेरा समर्थन किया है। भारी मन से मैं पार्टी के साथ अपना जुड़ाव खत्म करने के अपने फैसले की घोषणा करता हूं। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पद से इस्तीफा देता हूं। इसे स्वीकार करें। दिग्विजय सिंह ने यह इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया है अब देखना बाकी है कि केन्द्रीय दल दिग्विजय सिंह का इस्तीफा मंजूर करता है या नहीं?