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राष्ट्रीय चेतना की संवाहक है बुंदेली भाषा : डॉक्टर उमाशंकर पचौरी

राष्ट्रीय चेतना की संवाहक है बुंदेली भाषा : डॉक्टर उमाशंकर पचौरी

दतिया/शासकीय पी जी महाविद्यालय दतिया में हिंदी विभाग द्वारा विषय राष्ट्रीय चेतना एवं बुंदेली साहित्य पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ उमाशंकर पचौरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय शिक्षण मंडल एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में माधव महाविद्यालय ग्वालियर के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ.शिव कुमार शर्मा, प्रांत मंत्री मध्य भारत प्रांत, भारतीय शिक्षण मंडल उपस्थित रहे। मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विभाग अध्यक्ष हिंदी, डॉक्टर इला द्विवेदी ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं स्वागत स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। अतिथियों का माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया।

डॉ शिव कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय चेतना के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बुंदेली साहित्य में राष्ट्रीय चेतना के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि बुंदेली साहित्य में साहित्य के माध्यम से समाज को सही राह* दिखाने का कार्य किया गया है उन्होंने हरदौल और आल्हा ऊदल इन बुंदेली चरित्र का उदाहरण रखते हुए राष्ट्रीय भावना को स्पष्ट किया। इसके पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में डॉ उमाशंकर पचौरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय शिक्षण मंडल ने राष्ट्रीय भावना की वास्तविकता को प्रकट किया एवं वर्तमान समय में राष्ट्रीय चेतना की प्रासंगिकता को सिद्ध किया। उन्होंने पाश्चात्य प्रभाव से अपने को अलग करते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़ने पर बल दिया । उन्होंने बताया कि बुंदेली कवि जगनिक का आल्हा ऊदल खंड राष्ट्रीयता का प्रथम महाकाव्य है उन्होंने यह भी बताया कि स्वराज शब्द पहली बार महारानी लक्ष्मी बाई के पत्राचार में आया ।

इस तरीके से अनेक तथ्यों को बुंदेली साहित्य से लेते हुए उन्होंने कई उदाहरण दिए उन्होंने अपनी भाषा में सदैव जानने समझने और जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके विचार से भाषांतरण से कब राष्ट्रांतरण तक हो जाता है इसका हमें पता ही नहीं चलता। राष्ट्रीय चेतना के लिए हमें अपनी भाषा से जुड़ना ही होगा। इसके पश्चात अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी आर राहुल ने अपनी बुंदेली कविताओं का पाठ किया। अंत में विभागाध्यक्ष हिंदी डॉ इला द्विवेदी ने अतिथियों का एवं उपस्थित सदस्यों का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ प्रकाश चंद्र सुमन, डॉ एम. चंद्रशेखर, डॉ सौरभ पांडे की अहम भूमिका रही। मंच संचालन डॉ राहुल श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के डॉ जय त्रिवेदी, डॉ शिव सिंह, डॉ रजनी सिंह, डॉ डी पी अहिरवार, डॉ मुकेश गुर्जर, डॉ वासुदेव जादौन डॉ अनुराधा समाधिया, डॉ योगेश यादव, डॉ संजय चौहान, रश्मि सिंह, डॉ चारु सिंह एवं अन्य समस्त शैक्षिणक एवं अशैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहा।

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