भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया लाडली बहना योजना का शुभारंभ, जानिए पात्रता और अपात्रता की क्या है शर्तें

कबीर मिशन समाचार
भोपाल मध्यप्रदेश
विजय सिंह बोड़ाना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने जन्म दिवस के मौके पर “लाडली बहना योजना” का शुभारंभ किया। जिसमें महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये सरकार सीधे बैंक खाते में डालेगी। जहां लाडली लक्ष्मी योजना बालिकाओं के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है उसी प्रकार “लाडली बहना योजना” महिलाओं के जीवन पर एक विशेष प्रभाव डालेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा है, कि “मेरी बहनें आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर हों, ये मेरे ह्रदय की तड़प थी, इसलिए मैंने लाड़ली बहना योजना बनाई। भोपाल के जंबूरी मैदान में शक्ति स्वरूपा कन्याओं और बहनों का पूजन कर ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ का शुभारंभ किया। हमारे देश में सदैव से नारियों के सम्मान की परंपरा और संस्कृति रही है। हमारे यहां लक्ष्मीनारायण, राधेश्याम, सीताराम और गौरीशंकर कहने की परंपरा है। बेटा-बेटी में भेद न हो, तभी हमारी संस्कृति का गौरव अक्षुण्ण रहेगा। मैंने मुख्यमंत्री बनते ही कन्या विवाह योजना बनाई और इसके बाद लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। प्रदेश की धरती पर जन्म लेने वाली हर लाडली बेटी लखपति होती हैं। अब माता-पिता को बेटी के विवाह की चिंता नहीं होती है। प्रदेश में बेटी बोझ नहीं वरदान है। ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ हमारी बहनों के सशक्तिकरण की योजना है। इस योजना का लाभ मेरी उन सभी बहनों को मिलेगा, जिनकी वार्षिक आमदनी ढाई लाख से कम और 5 एकड़ से कम जमीन हो तथा परिवार इन्कम टैक्स के दायरे में नहीं आता हो। ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ एक क्रांतिकारी योजना है। हमारी बहनें स्वाभिमान और सम्मान के साथ जीयेंगी। इसलिए यह केवल एक योजना नहीं है, जिंदगी बनाने का महा अभियान है। मेरी बहनों, ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के फार्म आपके वॉर्ड और गांवों में भरे जायेंगे। 25 मार्च से आवेदन भरने शुरू होंगे। 25 मार्च से 30 अप्रैल तक यानी कुल 35 दिनों तक आवेदन भरे जायेंगे। आवश्यकता हुई, तो फार्म भरने का समय और बढ़ा देंगे।”

पात्रता की प्रमुख शर्तें

पहली शर्त महिला मध्य प्रदेश की स्थानीय निवासी होना चाहिए। दूसरी शर्त विवाहित होना चाहिए साथ ही विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिला भी शामिल हो सकेगी। तीसरी शर्त आवेदन करने के वर्ष में 1 जनवरी को 23 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हो तथा 60 वर्ष से कम से कम हो।

अपात्रता की प्रमुख शर्तें
महिला के परिवार की सम्मिलित रूप से आय 2.5 लाख से अर्थात ढाई लाख से अधिक होगी। परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता होना चाहिए। परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के शासकीय विभाग/ उपक्रम/ मंडल/ स्थानीय निकाय में नियमित/ स्थाई कर्मी/ संविदा कर्मी के रूप में नियोजित हो अथवा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त कर रहा हो। परंतु मानसेवी कर्मी तथा आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से नियोजित कर्मचारी अपात्र नहीं होंगी। भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी भी पेंशन योजना के माध्यम से 1000 या उससे ऊपर की राशि प्राप्त कर रही हो। परिवार का सदस्य वर्तमान अथवा भूतपूर्व सांसद या विधायक हो। परिवार का कोई सदस्य भारत सरकार अथवा राज्य सरकार के बोर्ड/ निगम/ मंडल/ उपक्रम का अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष/ संचालक/ सदस्य हो। निर्वाचित जनप्रतिनिधि हो ( पंच एवं उपसरपंच को छोड़कर ) हो। परिवार के पास सयुंक्त रूप से 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि हो। परिवार के सदस्यों के नाम पंजीकृत चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर सहित) हो।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है, कि “मैं मध्यप्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों को एक सुखद सूचना देना चाहता हूं। कुछ महीने बाद आप सब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने वाली हैं।कांग्रेस सरकार महिलाओं को प्रतिवर्ष ₹18000 की आर्थिक सहायता देगी। यह संसार की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना बनेगी। यह घोषणा किसी घोषणा मशीन की घोषणा नहीं है, जो हर रोज अपनी बात से पलट जाते हैं। कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश की महिलाओं को देश में सबसे अधिक आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और हम वह संकल्प पूरा करेंगे। जय मध्य प्रदेश। जय मध्य प्रदेश की नारी।”

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