शिव विद्या निकेतन विद्यालय गोरमी जिला भिण्ड में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से रमन सांइस रिसर्च फाउण्डेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ गिर्राज सिंह कुशवाह निदेशक एकेडमिक शिव विद्या निकेतन विद्यालय गोरमी जिला भिण्ड ने अपने उदबोधन में कहा कि समाज में और हमारे भविष्य को आकार देने में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है। रमन सांइस फाउण्डेशन का नाम सामने आने से मुझे सर सी.वी. द्वारा रमन प्रभाव की खोज को चिन्हित करने के लिए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इसी खोज से सर सी.वी. रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुस्कार मिला था यह दिन वैज्ञानिको के उल्लेखनीय योगदान को याद करता है। और इस दिन भारत में आयोजित कार्यक्रमों में भाषण देने के लिए कहा जाता है। मैं आशा करता हूँ कि मेरे विचार आप लोगो तक पहुंचकर अच्छी छवि रखेगें।
डॉ. मीरा जैन सांइस जागरूकता मेल में अपनी सिरकत देते हुये बोली कि सांइस किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण है और किसी भी देश के ओवरडेवलपमेंट के लिए रीढ़ की हडडी के रूप में कार्य करता है। आज हम यहाँ विज्ञान मेले में साइंस का दुनिया के विकास में योगदान जरूरत से ज्यादा है। विज्ञान लोगो को सांइस सिस्टम की सराहना करने जिज्ञासा बढ़ाने और विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रात्साहित करता है। विज्ञान की गुणवत्ता में सुधार लाने और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करके भार की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉ. आशीष शर्मा सांइस जागरूकता मेले में आगे बोला कि विज्ञान में प्ररेणा देने की शक्ति हैं ओर यह हमारी जिज्ञासा और कल्पना को जगाती है। यह हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमारे प्रश्नों और आकाक्षाओं को भी बढ़ावा देती है। अगली पीढी के वैज्ञानिको प्रेरित करने में विज्ञान की अहम भूमिका है। सूक्ष्मतम कणों से लेकर अंतरिक्ष की विशालता तक की समझ को विज्ञान उजागर करती है। वैज्ञानिकों के समर्पण और ज्ञान की निरंतर खोज ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। विज्ञान में उभरते वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और विज्ञान के क्षेत्र में हुए चकत्कारों को याद करने के लिए बाध्य है। डॉ. गिरधारी राजावत ने बोला कि किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी प्राप्त करना और जानकारी को सही तरीके लागू करना तथा किसी भी वस्तु का सही अवलोकन अथवा विश्लेषण करना ही विज्ञान है। वि का अर्थ विकास करना से
इससे तात्पर्य है कि विकास करने वाले ज्ञान को हो विज्ञान कहते हैं। आज विज्ञान के चमत्कार के माध्यम से ही मानव जाति इनती समृद्धि हो पाई है। यदि प्राचीन काल की बात करें तो मावन विकास उसकी चेतना के जागृत होने तथा उसकी जिज्ञासा का समुन्द्र की तरह विशाल होने के कारण ही हो पाया है। सबसे पहले मानव ने अपनी कमजोरियों को समझा। तीन दिवसीय विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओं ने वाद विवाद प्रतियोगिता, क्यूज प्रतियोगिता ड्रॉइंग प्रतियोगिता, रोल प्ले, नुक्कड नाटक, साइंस मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें सभी विजयी प्रतियोगिताओं को पुरुस्कृत किया गया
जिसमें साइंस माडल प्रतियोगिता में सुभ जैन ने प्रथम पुरूस्कार, आयुश जैन ने दूसरा पुरूस्कार एवं कृष्णा ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। ड्राइंग प्रतियोगिता में राधिका ने प्रथम प्ररूस्कार प्राप्त किया व अन्नत ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं यशिका सिकरवार ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। डिवेट प्रतियोगिता में कल्पना ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व आर्यन ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं अर्पिता ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। क्यूज प्रतियोगिता में बलवन्त ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व नितिन ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं अक्षय ने तीसरा पुरुस्कार प्राप्त किया । नुक्कड नाटक प्रतियोगिता में सुभ ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया व आयुश ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं अन्यया ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक रूप से विजयी प्रतिभागियों को पुरूस्कार एवं मेडल प्रदान किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता राहुल शर्मा ने की तथा कार्यक्रम का संचालन श्री गौरी सिंह ने किया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में बलवीर यादव, मनोज कुमार, प्रीती उपस्थित थे।