Tech ग्वालियर देश-विदेश मध्यप्रदेश शिक्षा

मौसम में कैसे बदलाव होते है” विज्ञान मेले में अवगत कराया डॉ. निशा

आर एम. आर ग्रीन वर्ल्ड डे वोडिंग स्कूल मुरैना में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से विज्ञान सहयोग फाउण्डेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ. मनोज यादव निदेशक एकेडमिक आर एम. आर ग्रीन वर्ल्ड डे वोडिंग स्कूल मुरैना ने अपने उदबोधन मे कहा कि अब हम सभी अपने फोन पर वीडियो कॉलिग के द्वारा एक दूसरे को देखते हुये बात कर सकते है। मनुष्य ने सभी क्षेत्रों में बहुत विकास किया है। और यह सब विज्ञान की मदद से संभव हो पाया है। हमारा भविष्य विज्ञान से जुड हुआ है। विज्ञान की मदद से हमने शिक्षा वास्तुशिल्प, स्वास्थ्य, सेवाएँ यातायात, आधुनिक उपकरण, संचार, हथियार दवाईयाँ, का जैसे सभी क्षेत्रो में बहुत विकास किया है। अब हर व्यक्ति के पास कार, मोटरसाइकिल होती है। मनुष्य का विज्ञान ही इस्तेमाल सकारात्मक कामों में करना चाहिए आजकल विश्व के सभी बडे देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फांस जर्मनी, रूस, परमाणु हथियार बनाने में जुटे हुऐ है विज्ञान का नकारात्मक और गलत इस्तेमाल है। परमाणु हथियारों की होड से आज हम सभी का भविष्य बडे खतरे में पड़ गया है।

डॉ. निशा शर्मा ने विज्ञान मेले में बोलते हुये कहा कि वर्तमान समय में विज्ञान ने इतना विकास कर लिया है। कि हमारा भविष्य पूरी तरह बदल गया है। विज्ञान ने हमारा भविष्य बहुत ही उज्जवल बना लिया है। प्राचीन काल में जह मनुष्य पैदल या बैलगाडी से यात्रा करता था अब वही हम बस, ट्रेन, हबाई जहाज, बुलट ट्रेन, मेट्रो ट्रेन, जैसे अत्याधुनिक साधनों से सफर करते है। डॉ. निशा ने आगे कहा कि प्रागैतिहासिक काल में जहाँ मनुष्य जानवरों का शिकार करता थ और कच्चा मांस खाता था वही आज हम खाना पकाने के लिए ऑटोमेटिक ओवर, एलपीजी गैस चूल्हा, का इस्तेमाल करते है। पहले जहाँ हम टेलीफोन का इस्तेमाल करते थे वही अब मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, वाईफाई, इन्टरनेट, कम्प्यूटर लैपटॉप जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे है।

डॉ. कुसुम राजपूत ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण आज विश्व भर के अनेक लोग भुखमरी और कुपोषण से जूझ रहे है भारत में चार करोड बच्चे कुपोषण के शिकार है ऐसे में हमे चाहिए कि विज्ञान की मदद से देश का कृषि उत्पादन बढाया जाए बच्चों को हरी सब्जियां फल पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाए और कुपोषण को दूर किया जाये।

डॉ. राजपूत ने आगे कहा कि हर साल कोई न कोई बीमारी, महामारी फैल जाती है जैसे स्वाइन फ्लू, डेगू चिकनगुनिया इन्सेफेलाइटिस या जापानी बुखार, निपाह वायरस, बर्ड फ्लू, मलेरिया से हजारो लोग मारे जाते है। हम् विज्ञान की मदद से ऐसी दवायें इंजेक्शन और एंटीबायोटिक विकसित कर सकते है। जिससे इन जानलेवा बीमारियों क उपचार किया जा सके। आज जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या बन चुकी है। मौसम बदल रहा है। बारिश के समय सूखा पडता है और जब मौसम सूखा होना चाहिए तब बाढ़ आ जाती है। यह समस्या जलवायु परिवर्तन की वजह से है भारत में 640 में से 302 जिलों में सूखे जैसी स्थितियां है। सूखे से फसले नष्ट हो जाती है। और किसानों को भार नुकसान होता है। भारत में हर साल सैकड़ों किसान तंग आकर आत्महत्या कर लेत है।

तीन दिवसीय विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओं ने वाद विवाद प्रतियोगिता, क्यूज प्रतियोगिता, ड्रॉइंग प्रतियोगिता, रोल प्ले, नुक्कड नाटक, साइंस मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें सभी विजयी प्रतियोगिताओं को पुरूस्कृत किया गया जिसमें साइंस मॉडल प्रतियोगिता में राज शिवहरे ने प्रथम पुरुस्कार, प्रियांसी सैमिल ने दूसरा पुरूस्कार, एवं नैतिक यादव ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। ड्राइंग प्रतियोगिता में रोहित यादव ने प्रथम प्ररूस्कार प्राप्त किया व कीर्ति सैमिल ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं आशू राजपूत ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। डिवट प्रतियोगिता में आयूशी उमरैया ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व उमा कुशवाह ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया

एवं राशि मिश्रा ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। क्यूज प्रतियोगिता में पियूस उमरैया ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व पलक यादव ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं रोहित कुशवाह ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। नुक्कड नाटक प्रतियोगिता में शिवानी कुशवाह ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया व निशा कुशवाह ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं कान्हा गौर ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक रूप से विजयी प्रतिभागियों को पुरूस्कार एवं मेडल प्रदान किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता रूबी सिंह ने की तथा कार्यक्रम का संचालन श्री तरूण गौर जी ने किया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में श्रीमती अर्चना यादव, संगीता सिकरवार, केशव नन्दा जी उपस्थित थे।

About The Author

Related posts