बिहार शिक्षा

बिहार। दसवीं कक्षा के फार्म भराई में सरकार द्वारा तय राशि से अधिक रूपये वसूलने पर छात्राओं ने किया विरोध प्रदर्शन।

पिपरा प्रखंड अंतर्गत प्रोजेक्ट कन्या प्लस टू विधालय पूरा में एच एम द्वारा दसवीं का फार्म भराई में अवैध वसूली की जा रही है। मालूम हो कि एक तरफ शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए मुख्य सचिव के के पाठक जद्दोजहद में लगे हुए है वहीं दूसरी तरफ उनसे भी ज्यादा तेवर दिखाती है प्रोजेक्ट कन्या पल्स टू विद्यालय पिपरा की एच एम। सरकारी विद्यालयों में विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण तो की जा रही है पर इसका कोई खास प्रभाव विद्यालय प्रधान पर नहीं पर रहा है।

अभी वर्ग दसवीं कक्षा के छात्र छात्राओं का फार्म भराई हो रहा है इसमें सरकार द्वारा तय राशि से अधिक रूपये वसूलने और ली गई राशि का रसीद भी बच्चों को नहीं देने का मामला प्रकाश में आया है। मामला पिपरा प्रखंड कार्यालय से महज पांच सो मीटर दूर प्रोजेक्ट कन्या पल्स टू विद्यालय पिपरा का है जहा की प्रधानाध्यापिका सुलोचना कुमारी है जिनके द्वारा फार्म भराई के नाम पर तय राशि से अधिक रूपये वसूली की जाने की बात सामने आ रही है।

बता दें कि वर्ग दसवीं के विभिन्न केटेगरी के छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित है इसमें सामान्य कोटि के छात्र छात्राओं के लिए सभी शुल्क जोड़कर महज 1320 इबीसी छात्रों के लिए 1205 वहीं एससी एसटी के छात्र छात्राओं को मात्र 1125 रूपये निर्धारित किया गया है जबकि प्रधानाध्यापिका सभी बच्चों से 40 से 45 रूपए ज्यादा वसूली करती है। इसकी जानकारी बच्चों के अभिभावकों द्वारा जब स्थानीय मीडिया कर्मियों को दी तो इसकी पुष्टि के लिए जब मिडिया कर्मी विद्यालय पहुंचे तो एच एम साहिबा उल्टे मीडियाकर्मियों पर भड़क उठी।

जब उससे भी मेडम का जी नहीं भरा तो अपनी बात रख रही छात्राओं को धमकाने लगी कहने लगी कि जिसने भी यह जानकारी पत्रकारों को दी है उनका नाम विद्यालय से काटकर हटा देंगे यह पावर हमको है मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इस पर सभी छात्राओं ने हाथ उठाकर एच एम के विरुद्ध प्रदर्शन कर विरोध जताया। वहीं विद्यालय में अध्यनरत छात्रों ने एच एम पर परिभ्रमण की राशि मिलने के बावजूद बच्चों को घूमाने नहीं ले जाने का भी आरोप लगाया है। साथ ही विद्यालय की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि विद्यालय में पानी की भी व्यवस्था नहीं है पीने वाला पानी से बदबू आती है। विद्यालय में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं में भी एकमत नहीं देखा गया कुछ शिक्षक बच्चों के पक्ष में है तो कुछ शिक्षक एच एम की इस गोरखधंधे में शामिल हैं जो गरीब बच्चों से फार्म भराई के नाम पर 75 प्रतिशत उपस्थिति के नाम पर उगाही करते हैं।

अब सवाल उठता है कि क्या ऐसे एच एम पर शिक्षा विभाग को कारवाई करनी चाहिए या एच एम अपनी मनमानी करते हुए वैसे बच्चों को विद्यालय से नाम काटकर बाहर कर देगी या इनकी मनमानी कब तक चलती रहेगी यह तो आने वाले समय में पता चल पाएगा। हालांकि इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारी को भी की गई है। इस संबंध में पिपरा बीओ प्रभार सुपौल डीपीओ से पूछे जाने पर उन्होंने कहा इस आशय की जानकारी मुझे नहीं थी जानकारी मिली है बच्चों से फार्म भराई के नाम पर ज्यादा पैसा लेने की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी।

सुपौल से पंकज कुमार

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