कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।
आष्टा से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।
आष्टा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों का दोगुना मानदेय कर उनको राहत तो दी लेकिन उनकी परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री के गृह जिले की आष्टा तहसील के अतिथि शिक्षक आज भी दर-दर भटक रहे हैं। ट्रांसफर के चलते नियमित शिक्षक आने के कारण अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है। उन अतिथि शिक्षकों को पोर्टल नहीं खुलने के कारण किसी भी विद्यालय में नहीं रखा जा रहा है। जिससे जहां अतिथि शिक्षक परेशान है, वहीं छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जबकि पिछले सत्र में अतिथि शिक्षकों ने ही अच्छी पढ़ाई कर छात्रों के भविष्य को संवारा था।
शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हुए तीन माह से अधिक समय बीत गया है। स्कूलों में छात्रों की त्रैमासिक परीक्षा हो गई है, तीन माह बाद भी शिक्षकों का ट्रांसफर हो रहे हैं, जिससे शिक्षकों को जहां परेशानी आ रही है वहीं छात्रों को भी अध्ययन कार्य मे बाधा उत्पन्न हो रही है। क्योंकि ट्रांसफर के बाद अधिकांश स्कूलो में पर्याप्त टीचर नहीं है। जिससे सुचारू रूप से छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। नियमित शिक्षक आने के कारण अतिथि शिक्षक बाहर हो चुके हैं। वहीं दूसरी स्कूलों में रिक्त पदों पर भी उनकी नियुक्ति नहीं हो रही है क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पोर्टल नहीं खुल रहा है।
जिसके कारण स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता तो है। लेकिन प्राचार्य भी पोर्टल न खुलने का बहाना लेकर अतिथि शिक्षकों को नहीं रख रहे हैं। जबकि पोर्टल नहीं खुलने के कारण या तो किसी भी अतिथि शिक्षक को नहीं रख सकते. हैं और अगर रखा है तो प्राचार्य ने किस नियम के अंतर्गत रखे हैं यह भी एक जांच का विषय है। शिक्षा विभाग को छात्रों की पढाई का नुकसान न हो इसे देखते हुए तत्काल पोर्टल खोला जाना चाहिए और अतिथि शिक्षक को रखा जाना चाहिए ताकि छात्रों का पढ़ाई का नुकसान न हो। कहीं ऐसा न हो कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण कई छात्र पढ़ाई में कमजोर न रह जाएं।
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