कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।
आष्टा से संजय सोलंकी की रिपोर्ट 9691163969।
आष्टा। भाजपा हो चाहे कांग्रेस दोनो ही पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने आगमन पर बैनर पोस्टर से नगर को सजाते आ रहे है। वही डीजे की धुन पर आयोजन की गरिमा बनाने के लिए बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। और लाखो रूपये इस उम्मीद से बर्बाद कर दिए कि हमे विधानसभा लड़ने का मौका मिलते हुए टिकट मिलेगी। लेकिन दोनो ही पार्टी के एक एक उम्मीदवार को ही टिकट मिलना है। यह सच है लेकिन दोनो ही पार्टी के दावेदार अंतिम समय तक अपना प्रयास बरकरार रख रहे है।
कांग्रेस के दावेदारो में प्रथम नाम कमल सिंह चौहान का
विधानसभा चुनाव के दावेदार कांग्रेस मे लगभग 10 है। लेकिन प्रथम दावेदार कमलसिंह चौहान है जिसका टिकट फाइनल की ओर है। लगातार एक साल से भी अधिक समय तक तन मन धन से लगातार टिकट की उम्मीद मे प्रयास कर रहे है। जगदीश चौहान एच आर परमाल, डॉ हेमंत वर्मा, मनोहर पंडितिया राजकुमार मालवीय, बाबूलाल मालवीय, कृपाल मालवीय, राजाराम बड़े भैया, घनश्याम जांगड़ा एवं प्रमुख दावेदार मुश्किल है। कमलसिंह चौहान माने जा रहे है।
लगभग टिकट पक्का भी हो चुका है। औपचारिकता बाकी है। कमलसिंह चौहान टिकट मिलने का मुख्य कारण यह भी बताया पिछले तीन चुनाव मे प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी से चुनाव लड़े और 15 से 20 हजार वोट हासिल किए। ऐसा भी माना जा रहा है कि हारने का मुख्य कारण यही रहा इस बार कमलसिंह चौहान चुनाव के 6 माह पहले ही कांग्रेस मे आ गए। और उपर से उन्हे उसी समय हरी झंडी मिल गई थी। तभी से ही कमलसिंह चौहान लगातार विधानसभा मे अपना प्रचार बढ़ाए हुए है। यह नहीं कांग्रेस के हर
एक आयोजन में संगठन को साथ मे लेकर मजबूती से मैदान में है। कांग्रेस से कमलसिंह चौहान का नाम सामने आते ही भाजपा पसोपेश मे है। आखिर किस पर 9 जताए भरोसा लगातार कर रही मंथन । भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष गोपालसिंह इंजीनियर पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, कैलाश बगाना, अजीतसिंह के नाम सामने है। वर्तमान विधायक रघुनाथसिंह मालवीय लेकिन इनके नाम का काफी विरोध चल रहा है। वही कैलाश बगाना और अजीतसिंह मालवीय समाज से हटकर है। यह बड़ी
क्योकि यहां पिछले पांच विधानसभा भाजपा से मालवीय समाज के विधायक बनते आ रहे है। क्योकि आष्टा विधानसभा मालवीय समाज का बाहुल्य है। कांग्रेस और भाजपा मालवीय समाज का ही प्रत्याशी बनाते आ रही है। भाजपा इस बार कांग्रेस से भाजपा मे आए जिला पंचायत अध्यक्ष गोपालसिंह इंजीनियर पर दाव खेल सकती है। श्री इंजीनियर कांग्रेस से तीन बार चुनाव लड चुके है और काफी कम वोटो से हारे हुए हैं। वर्तमान मे भी सक्रिय बने हुए है। अब देखना यह है कि भाजपा किस पर अपना दाव खेलती है। यह समय की आगोश में है।
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