देवास

मणिपुर में भीड़ के द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड निकालने के विरोध में छात्र संगठन ने किया विरोध प्रदर्शन।

मणिपुर में भीड़ के द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड निकालने के विरोध में छात्र संगठन ने किया विरोध प्रदर्शन।

कबीर मिशन समाचार
पवन परमार जिला ब्यूरो चिफ़
जिला देवास

देवास। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच दो महिलाओं के साथ भयावह बलात्कार और नग्न परेड की घटना के खिलाफ छात्र संगठन AIDSO, युवा संगठन AIDYO और महिला सांस्कृतिक संगठन AIMSS ने स्थानीय भोपाल चौराहे पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एड राजुल श्रीवास्तव ने कहा कि गहरी पीड़ा के साथ मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाने और सामूहिक बलात्कार की भयावह घटना की निंदा करते हुए इस घटना पर सरकार की चुप्पी और अमानवीय रवैये की भी निंदा करते हैं। दो महीने से अधिक समय हो गया है जब राज्य में दो समुदायो के बीच जघन्य सामूहिक हत्याएं, हमले और बलात्कार हुए हैं। केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सरकार की नीतियों के कारण, समुदायों के बीच विभाजन बढ़ गया है, और पूरा राज्य जल रहा है। देश अब उस वीडियो के वायरल होने के बाद सदमे में है जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया गया और कैमरे पर उनके साथ छेड़छाड़ की गई। लेकिन हमें आश्चर्य हुआ जब मणिपुर के मुख्यमंत्री ने बेशर्मी से कहा कि अतीत में ऐसी सैकड़ों घटनाएं हुई हैं।

वीडियो में पीड़ित ने गहरे दर्द में कहा कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की बल्कि उन्हें अपराधियों के पास भेज दिया। उनकी स्थिति इस बात को दिखाती है कि भाजपा सरकार ने पूरे मामले को कैसे संभाला है। उन्होंने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दो समुदायों के बीच विभाजन को इतने खतरनाक स्तर तक फैलने के लिए प्रोत्साहित किया है। प्रदेश में समुदाय के नाम पर होने वाली हिंसा की हर घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। और यह शासक वर्ग की करतूत हैं। जिस राज्य ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आईएनए का बेहद सम्मान और देशभक्ति की भावना के साथ स्वागत किया, उसे ऐसी हालत में देखना दुखद है। स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान मणिपुर की पूरी आबादी आईएनए सैनिकों की सहायता के लिए एक साथ आई। हम पूरे समाज से, लोगों के बीच सरकार द्वारा पैदा किये गये विभाजन के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान करते हैं

ताकि इस सभ्यता और मानवता को बचाया जा सके। AIDSO के विनोद प्रजापति ने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, लाडली बहना जैसी योजनाएं लेकर आती हैं दूसरी तरफ महिलाओ, बच्चियों पर अमानवीय हमले हो रहे हैं। मणिपुर में जिन छात्रों को स्कूल, कॉलेज में होना चाहिए था आज उनके हाथों में बंदूके थमा दी गई है। वह आज अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। इंसानियत के नाते इस समय देश के सभी छात्रों, युवाओं, महिलाओ और आमजनता को मणिपुर के लोगो के साथ खड़े होने की जरूरत है। साथ ही, हम मांग करते हैं कि केंद्र और मणिपुर राज्य सरकारें मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाएं। और महिलाओं को नग्न घुमाकर अत्याचार करने वाले दोषियों को फांसी दी जाए। प्रदर्शन का संचालन विजय मालवीय ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र, छात्राये, उपस्थित रहे। उक्त जानकारी राजुल श्रीवास्तव द्वारा दी गई।

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