कबीर मिशन समाचार खरगोन
बड़वाह। बरझर ग्राम मे समाज सेवी स्व. मा.निलीया करोले दादाश्री का निधन होने पर सादगी से पगड़ी रस्म आयोजन हुआ. वरिष्ठ समाज सेवी व उपासक पुष्पेन्द्र रावल (शिक्षक) ने मौन धारण कर बुद्ध वंदना धम्मपाठ द्वारा श्रद्धांजली अर्पित की. कुरीतियों से मुक्त मृत्यु भोज संस्कार सम्पन्न करना चाहिए. यह कार्य हमे ग्यारह दिनो के स्थान पर 5 या 6 दिन मे ही सम्पन्न करे व परम्परागत थोपी गयी कुरीतियां परम्पराओं को बंद करें
तथा पेरावणी प्रथा बंद व अतिथियों को लहान बर्तन भेट के स्थान पर हमारे आदर्श डा.बाबा साहब के छायाचित्र भेट करे। बलाई समाज पारिवारिक परामर्श केंद्र के अध्यक्ष व सामाजिक पटेल पू.सरपंच मा.महेश सिटोले ने बेहद प्रेरणीय सुधार संदेश मे कहा कि महारे महापुरुषों ने हमे शिक्षा संगठन व संघर्ष से उत्थान करने की प्रेरणा दी है. तथा हमे प्रेरणादायक कार्य करके समाज के दिग्दर्शक बनना चाहिए।
व मृत्यु भोज मे मीठा भोजन नही बनाये. पेरावणी कपड़े व बर्तनों को भेटकर टीका प्रथा से व्यापार नही करे। स्वयं ने इन परम्पराओं को नष्ट किया व समाज मे अनुकरणीय प्रेरणा दी. अम्बेडकर संगठन के प्रमुख राधेश्याम मंडलोई ने भी कहा कि हमे आर्थिक रूप से विकास करके समाज मे ऐतिहासिक मिसाल कायम करना चाहिए।
समाज मे रचनात्मक कार्य करने से ही समाज का उद्धार होगा. शोक सभा का संचालन- पुष्पेन्द्र रावल ने किया व समाज सुधार संदेश पर विस्तार से संबोधन प्रस्तुत किये. एवं सादगीपूर्ण मृत्यु भोज करने व बाबा साहब के प्रेरणीय मार्ग को अपनाने तथा समाज का आर्थिक उत्थान करेगे व शराब व किसी भी नशे का सेवन नही करेंगे का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम मे प्रेमचंद सिटोले. शिवलाल सेन ने भी सामाजिक संदेश दिये। पश्चात बलाई समिति के द्वारा सविधान शिल्पी डा.अम्बेडकर का छायाचित्र करोले परिवार को भेट किया. अम्बेडकर युवा संघ बरझर के अध्यक्ष कमल करोले ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया।