मूलचन्द मेधोनिया सहसंपादक कबीर मिशन समाचार पत्र भोपाल मोबाइल 8878054839
चीचली ।जिला नरसिंहपुर
जिला नरसिंहपुर कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में आवेदिका गोलगांव कलाॅ की अनुसूचित जाति वर्ग की मीराबाई मेहरा जो कि अपने गांव के तालाब में मछली पालन के लिए 10 वर्षीय पट्टे पर मत्स्य विभाग जिला नरसिंहपुर से लेकर मछली पालन का कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। जिसे सहायक संचालक मत्स्य विभाग जिला नरसिंहपुर द्रारा शासन की संचालित योजना के तहत तालाब केडिट कार्ड प्रकरण की स्वीकृति हेतु मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा चीचली को ऋण प्रकरण भेजा गया था। जो कि शाखा प्रबंधक द्रारा पूर्व में आश्वासन दिया था कि प्रकरण स्वीकृति आवश्यक रूप से प्रदान की जायेगी।
आवेदिका से पूर्व ऋण 50.000/रुपये बकाया था। जिसे एक मुस्त जमा करा लिया गया। प्रबंधक द्रारा कहा कि आज तुम रुपये जमा करो कल तुम्हें राशि दी जायेगी। आवेदिका ने अनुरोध किया कि मेरी बैंक में नियमित किस्तें जमा हो रही है और कोई बैंक में अन्य कर्ज नहीं है। पूर्व में भी मछली पालन हेतु शासन ने ऋण दिया था। वह मैने नियमित रूप से जमा किया है। मत्स्य पालन विभाग मेरे व्यवसाय को सराहना की और पुनः अनुदान सहायता की मदद कर रहे है। बैंक शाखा प्रबंधक को सरकार के द्रारा मुझे दी जा रही सहायता खटकने लगीं। क्योंकि वह मुझ जैसे अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की सहायता सरकारी मिलने पर अपने जेब गर्म करने हेतु रिश्वत की पेशकश करना नहीं भूलते है। अतः बैंक प्रबंधक के द्रारा मुझसे कहा कि पूर्व बकाया जमा करो और प्रकरण स्वीकृति हेतु मुझे अलग से 10.000/ दो मैं प्रकरण स्वीकृति दे देता हूं।
शाखा प्रबंधक के मुताबिक बकाया भी जमा किया और उनके लिए दस हजार रुपये की व्यवस्था कर भी दे दिये कि हमारा मछली पालन तालाब में नई बीज और तालाब प्रबंधन होकर परिवार के लिए व्यवसाय शुरू हो जायेगा। आवेदिका को बार बार बैंक के चक्कर लगा कर हैरान हो चुकी है। आवेदिका बताती है कि सुबह से शाम तक बैंक में बैठाया और परेशान किया जा रहा है। परिवार के भरण-पोषण के रखे पैसे शाखा प्रबंधक की रिश्वत की भेंट चढ़ गए। अब बैंक द्रारा भटकाया एवं दुर्व्यवहार कर भगाया जा रहा है।
बैंक के द्रारा किये जा रहे अन्याय की शिकायत आवेदिका के द्रारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की गई है। साथ ही जिला कलेक्टर महोदय की जनसुनवाई में शिकायत कर जिला प्रशासन से प्रार्थना की मेरा बैंक में कोई बकाया भी नहीं है। तथा ऋण प्रकरण का झांसा देकर बैंक मैनेजर ने दस हजार रुपये भी रिश्वत के रूप में ऐंठ लिए। अब आवेदिका के पास स्वयं का और परिवार के लिए भरण-पोषण का कोई भी जरिया नहीं है। केवल और केवल बैंक के प्रकरण की स्वीकृति का ही इंतजार है। यदि जिला नरसिंहपुर के कलेक्टर महोदय शासन के द्रारा दी जाने वाली सहायता प्रदान करा देंगे तो आवेदिका के जीवन यापन हो सकता है। आवेदिका ने निवेदन किया है कि उसे शीघ्र सहायता की जाये।