कबीर मिशन समाचार ✍️ अनिल मांदलिया बापचा
रतलाम ताल के समीप ग्राम सेमलिया में परीक्षा का आयोजन किया गया,परीक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में हमारी प्राचीन धरोहर, वैदिक परंपरा , स्वतंत्रता सेनानी एवं वीरांगनाओं के बारे में बच्चों को अवगत कराया गया। जीवन में जितना महत्व शैक्षणिक विकास का होता है उतना ही महत्व हमारी संस्कृति को जानना भी होता हैं।संस्कृति विहीन शिक्षा विद्यार्थी को लक्ष्यहीन कर देती है।इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया।लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सिर्फ मेहनत ही काफी नहीं होती। हमारा नैतिक विचार भी उत्तरदाई होता है।उपरोक्त विचार प्रधानाध्यापक श्री नारायण सिंह राठौर द्वारा सभी विद्यार्थियों को बताए गए।
विद्यालय परिवार के श्री बद्रीलाल मालवीय, भेरूलाल पाटीदार, विजय सिंह देवड़ा व मधुसूदन सिंह जगावत शिक्षकों ने भी छात्रों के समक्ष भारतीय संस्कृति के बारे में अपने अपने विचार रखे।साथ ही ये भी बताया गया की इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।