रघु परमार ने आयोजक मंडल में माताओं का किया शाल श्री फल से सम्मान
मंडावर राजगढ़। मध्यप्रदेश कबीर मीशन समाचार पवन मेहरा
मुंडावर। राजगढ जिले के ग्राम मंडावर के श्री ताखा जी महाराज मंदिर परिसर में चल रही श्री मद्गभावत कथा में छठे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों के दौरान श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और जमकर नाचे। कथा वाचक पंडित श्री सुरेश जी शर्मा ने कहा कि रुक्मणि भगवान की माया के समान थीं, रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं लेकिन रुक्मिणी का भाई रूकमी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था।
इससे उसने उस विवाह को रोक कर, शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मिणी को दुःख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा साथ ही अपने आने का प्रयोजन बताया। इसके बाद श्री कृष्ण जी विदर्भ जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। परंतु उनकी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ।
बाराती बने रघु परमार,रूखमणी जी के पिता बने हनुमान प्रसाद गर्ग
बारात में किया जमकर नृत्य
राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के समाजसेवी रघु परमार ,एवं पूर्व संसदीय सचिव हनुमान प्रसाद गर्ग विशेष तौर पर मौजूद थे,इस दौरान समाजसेवी रघु परमार ने कथा वाचक पंडित श्री सुरेश जी शर्मा का स्वागत सम्मान किया
एवं महिला मंडल को सहयोग राशि भेंट की गई,एवं आयोजक मंडल की सभी माताओं का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया ,इस दौरान कथा में रूखमणी विवाह भी आयोजित किया गया।
इस दौरान बाराती बने रघु परमार ने दूल्हे बने भगवान कृष्ण को समाजसेवी रघु परमार ने अपने हाथो में
उठाया और बारत में जमकर नृत्य किया,
इधर रूखमणी जी पिता बने हनुमान प्रसाद गर्ग ने भी पैर पूजन कर आशीर्वाद लिया,
इस दौरान मौजूद भक्तो ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया,वही कथा में सामूहिक आरती कर प्रसादी वितरण किया गया,इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण लोग मौजूद थे।