मध्यप्रदेश मुरैना

मुरैना।शक्कर कारखाना बचाओ आंदोलन।”दिल्ली की तर्ज पर होगा किसान मजदूर संघर्ष।” 25 जनवरी के उपवास के बाद घोषित होगी संघर्ष समिति और आगे की रणनीति।राजनैतिक प्रतिनिधि रहेंगे संरक्षक

मुरैना ।कैलारस – शक्कर कारखाना बचाओ आंदोलन को विराट रूप देने के लिए कारखाने से जुड़े रहे किसान और श्रमिकों को साथ लेकर शक्कर कारखाना बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में आंदोलन चलाया जाएगा। इसमें कर्मचारी, श्रमिको और किसानों के भुगतान के मुद्दे को उठाते हुए साथ ही कारखाने को कौड़ियों के मोल बेचे जाने का विरोध करते हुए कारखाने को बचाने और चलाने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा।

इसी कड़ी में 25 जनवरी को उपवास के दौरान संघर्ष समिति का गठन होगा। जिसमें राजनीतिक प्रतिनिधियों को संघर्ष समिति के संरक्षक के तौर पर रखा जाएगा और आगे की रणनीति भी घोषित की जाएगी। यह आंदोलन दिल्ली किसान आंदोलन की तर्ज पर होगा। जिसमें राजनीतिक स्वार्थों को दूर रखकर विशुद्ध रूप से कारखाने को बचाने और चलाने के लिए आंदोलन किया जाएगा।

यह घोषणा मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी और वरिष्ठ किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़, राम सिंह पटेल की ओर से संयुक्त रूप से की गई है। उन्होंने बताया है कि जब कारखाने को सच्चे अर्थों में हम सभी बचाना और चलाना चाहते इसे राजनीति की भेंट नहीं चढ़ाना चाहते हैं। तो हमें खुले मन से आगे आना चाहिए। राजनीति करने के लिए तमाम मौके रहेंगे।

कारखाने को बेचने के बजाय इसे बचाने और चलाने के लिए सभी प्रतिनिधियों को अपना योगदान देना चाहिए। यह अपील राजनीतिक प्रतिनिधियों और नेताओं से किसान सभा की ओर से की गई है। 25 जनवरी के उपवास के लिए किसान भवन पर आयोजित परिचर्चा में बोलते हुए किसान नेताओं की ओर से उक्त उद्गार व्यक्त किए गये ।

संयुक्त आंदोलन के लिए मध्य प्रदेश किसान सभा ,सीटू, शक्कर कामगार यूनियन ,शक्कर कारखाना यूनियन ,छात्र संगठन, जनवादी नौजवान सभा, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, किसानों के अन्य संगठन, किसान कांग्रेस के साथ भीम अर्मी, बहुजन मुक्ति मोर्चा सहित दो दर्जन संगठनों को आमंत्रित किया गया है।

आवश्यकता होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता गण सर्वश्री अमराराम, बादल सरोज, डॉ अशोक धवले, राकेश टिकैत, डॉ सुनीलम, मेधा पाटकर सहित वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

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