कबीर मिशन समाचार/खलघाट
धारपवन सावले,
जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री अशोक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में जिला न्यायालय परिसर धार एवं तहसील न्यायालय- कुक्षी, धरमपुरी, मनावर, सरदारपुर, बदनावर में इस वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का शनिवार को सफल आयोजन किया गया। लोक अदालत का उद््घाटन ए.डी.आर. सेंटर धार में श्री शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
जिसमें प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री धीरेन्द्र सिंह, श्री पंकजसिंह माहेश्वरी, श्री आलोक कुमार मिश्रा, श्री सुरेन्द्रसिंह गुर्जर, श्री उमेश कुमार सोनी, श्री प्रसन्नसिंह बहरावत, श्री राजकुमार गौड़, श्रीमती वर्षा सूर्यवंशी, श्री विक्रमसिंह डावर, श्री संजीव पिपलादिया, श्रीमती नविश्ता कुरैशी, श्री कादिर खाॅं, श्रीमती उषाकांता बैरागी, श्री यश दुबे, बार अध्यक्ष श्री कमल दुबे, अधिक्षण यंत्री विघुत विभाग गाठे, मुख्य नगरपलिका अधिकारी निषिकांत शुक्ला, जोनल मेनेजर बैक आफ इंडिया रंजितकांत भुयन, एल.डी.एम बलराम बैरागी सहित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, विभिन्न बैंको एवं विभिन्न विभागो के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
श्री शर्मा द्वारा अपने संबोधन में लोक अदालत की महत्ता के संबंध में विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम का संचालन डी.एल.ए.ओ. श्री मुकेश कौशल द्वारा किया गया। सचिव/जिला न्यायाधीश श्री उमेश कुमार सोनी द्वारा बताया गया कि फरियादी निवासी गणेश नगर, घाटाबिल्लौद, धार का हिन्दू विवाह अधिनियम, 1954 की धारा-9 के अंतर्गत दंपत्य जीवन के अधिकारों की पुर्नस्थापना के लिए कुटुम्ब न्यायालय, धार के समक्ष प्रकरण विगत काफी समय से लंबित था। फरियादी का विवाह लगभग 03 वर्ष पूर्व अनावेदिका निवासी घाटाबिल्लौद धार के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से हुआ था, जिनके संसर्ग से एक पुत्र भी है।
आपसी मतभेद के कारण दोनो पति-पत्नी काफी समय से एक-दूसरे से अलग-अलग रहते आ रहे थे, जिस पर परिवार व समाज के लोगों ने दोनों पक्षों को समझाने के काफी प्रयास किये, किन्तु दोनों पक्ष साथ-साथ रहने को तैयार नहीं हुये। कुटुम्ब न्यायालय धार में लंबित प्रकरण में उभयपक्ष को नोटिस जारी कर नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ क्रमांक 2 में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये। खंडपीठ के पीठासीन अधिकारी श्री धीरेन्द्र सिंह द्वारा उभयपक्ष से चर्चा कर अलग-अलग रहने से बच्चे के प्रति होने वाले दुस्प्रभाव सेे अवगत कराया गया तथा उनके मासूम पुत्र के भविष्य के लिए सारे मतभेद भुलाकर साथ रहने हेतु समझाया गया, जिससे उभयपक्ष आपसी मन-मुटाव को भूलकर राजीखुशी से साथ-साथ रहने के लिए सहमत हो गए।
मासूम बच्चों की हंसी एवं फरियादी की आंखों में खुशी के आंसु दर्शित हो रहे थे, जिससे इस लोक अदालत की सार्थकता सिद्ध हुई। उभयपक्षों द्वारा श्री अशोक कुमार शर्मा, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री धीरेन्द्र सिंह, तथा सचिव श्री उमेश कुमार सोनी से आशिर्वाद प्राप्त कर खुशहाल जीवन-यापन करने का वचन लिया गया। श्रीमती वर्षा सूर्यवंशी न्यायिक मजिस्टेट के न्यायालय मे वर्ष 2020 से चले आ रहे औद्योगिक विवाद के तहत मेसर्स माॅ वैष्णोदेवी जिनिंग प्रोविजन उद्योग के द्वारा श्री पवित्रा काॅटन मिल्स के विरूद्ध चेक अनादरण के वाद का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से सुलह-समझौते के आधार पर किया गया, जिसके तहत प्रतिवादी द्वारा वादी संस्थान वैष्णोदेवी जिनिंग प्रोविजन को 24 चैबीस लाख 84 हजार 413 रुपए की राशि का भुगतान करने की सहमति से प्रकरण का त्वरित निराकरण किया गया। इसी प्रकार से न्यायिक मजिस्टेट काॅदिर खान के न्यायालय मे विगत बीस वर्षो से चले आ रहे आप्ररधिक प्रकरण मे देानो लडने वाले पक्षकारो को समझाइश दी गई जिस पर वह राजीखुशी सहमत हुए और प्रकरण का हमेशा के लिए अंत किया गया।ेे
आयोजित की गई नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के दाण्डिक एवं सिविल राजीनामा योग्य कुल 788 मामलों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया गया, जिसमें 2090 व्यक्ति लाभान्वित हुए व 9 करोड 35 लाख 54 हजार 514 रुपए के अवार्ड पारित किये गये। साथ ही 883 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल एक करोड़ 65 लाख 17 हजार 122रुपए की वसूली हुई तथा 1154 व्यक्ति लाभान्वित हुए। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, धार के द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया