धार व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन
कबीर मिशन समाचार धार से मयाराम सोलंकी खास रिपोर्ट
धार व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन
महाराजा भोज शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तहत इतिहास विभाग द्वारा आज एक दिवसीय व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय “प्राचीन भारत के विदेशों से संबंध वर्तमान में प्रासंगिकता के परिप्रेक्ष्य में था।” उक्त व्याख्यान के विषय विशेषज्ञ स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज देअविवि इंदौर के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जे. सी. उपाध्याय थे।
उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में अखंड भारत वर्ष सबसे सुसंस्कारित एवं समृद्ध राष्ट्र था. वर्तमान दौर में इतिहास की पुनर्रचना की महती आवश्यकता है, साथ ही उन्होंने बताया कि वृहद भारत में के अंतर्गत आने वाले विभिन्न देश जावा, सुमात्रा, कंबोडिया, मलाया,एवं सीलोन आज ये देश स्वतंत्र हो गए हैं. किंतु भारतवर्ष इन सब का नेतृत्व कर्ता के रूप में उभर कर आया है। प्राचीन भारत के विदेशों से संबंध विशेषकर आर्थिक,सांस्कृतिक एवं धार्मिक ने भारतवर्ष को जो वैचारिक रूप से समृद्धता प्रदान की, आज उसी को आधार बनाकर हम विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ.एस.एस.बघेल ने की। प्रशासनिक अधिकारी डॉ. गजेंद्र उज्जैन कर. विभागाध्यक्ष इतिहास के डॉ. एल एस निंगवाल, डॉ. के.एस.सिसोदिया.प्रो.ममता लवारे, प्रो. प्रवीना यादव, विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ.अरुणा मोटवानी, डॉ.प्रभा सोनी, प्रो.अभय वर्मा,प्रो.देवेंद्र परमार, प्रो.रेखा सिंघल, डॉ मीरा जामोदएवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अजय आचार्य ने किया.। आभार प्रो. जितेंद्र कुमार पटेल द्वारा व्यक्त किया गया।