मध्यप्रदेश राजगढ़ समाज

राजगढ – दलित परिवार से फिर मारपीट लगभग 20 दिन बाद भी थाने पर कोई कार्यवाही नही

सामाजिक कार्यकर्ताओ ने कबीर मिशन समाचार से बातचीत के दौरान बताया की, कार्यवाही नही तो हो सकता है बड़ा आंदोलन

कबीर मिशन समाचार। राजगढ़,

खिलचीपुर – डगल्या | मामला छापीछेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम डगल्या का है, जहा बिते दिनों दिनांक 4 अगस्त 2023 को दलित समुदाय भागीरथ पिता हीरालाल व उनकी बेटी पत्नी परिवार के साथ गाँव के ही दिनेश पिता राधेश्याम बैरागी व पत्नी उमा एवं पड़ोसी अनिता पति कमल, पूनम बाई पति कालू बैरागी ने घर मे घुस कर मारपीट की।व जातिसूचक गाली गलोच भी की।पीड़ित ने घटना पर 100 डायल कर पुलिस को सूचना दी। फिर थाने पहुंचे लेकिन थाने पर कोई कार्यवाही नही केवल एक लिखित आवेदन प्रस्तुत करवाया गया। जिसकी जानकारी अपराधियों लगी तो पीड़ित के दैनिक आवश्यकताओ पर गाँव मे रोक लगा दी गयी, व गाँव से बहार जाने को मजबूर कर दिया।

इसके बाद पीड़ित परेशान होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय राजगढ़ पहुंचा, और आवेदन प्रस्तुत कर घटना के बारे मे बताया। पीड़ित ने आवेदन मे स्पष्ट किया की, “””में अपने घर पर सो रहा था तभी दिनेश पिता राधेश्याम जाति बैरागी निवासी डगल्या मेरे घर आया और दरवाजा खटखटाने लगा, मेने दरवाजा खोला तो उक्त दिनेश ने मेरी कालर पकड़कर बाहर खिच लिया तभी मेरी पुत्री ने मुझे घर के अन्दर वापस धकेल दिया, लेकिन बीच बचाव करने आयी मेरी पत्नी मांगीबाई को उक्त दिनेश तथा उसकी पत्नी उमा एवं पड़ोसी अनीता पति कमत जाति बैरागी व पुनम बाई पति कालू ने मेरी पत्नी के साथ काफी देर तक मारपीट की जैसे तैसे मेरी लड़की मेरी पत्नी को बचाकर लायी।

इसके बाद उक्त लोगों ने मेरे घर के सामने जाति सूचक गंदी गंदी गालिया दी तथा कहने लगे कि दरवाजा खोलते ही सभी को जान से मार दो, मेने डर के मारे दरवाजा नहीं खोला और 100 नम्बर पर फोन लगाकर पुलिस को उक्त घटना की जानकरी दी. सुबह 9:00 बजे पुलिस आने पर मेने दरवाजा खोला उक्त लोगों ने मेरी पत्नि के साथ बहुत बेरहमी से मारपीट की है।

तथा जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली गलोज की उक्त दिनेश बैरागी कहने लगा कि अगर यह रिपोर्ट करने जाये तो इसको तलवार से काट कर खत्म कर दो । जब मे शिकायत करने छापीछेड़ा पुलिस थाना गया तो वह लिखित आवेदन के लिया गया। लेकिन पुलिस वालो ने कोई कार्यवाही नहीं की। तथा जैसे ही उक्त दिनेश बैरागी को उक्त शिकायत की जानकरी लगी तो उसने सारे गांव वालों को अपने पक्ष मे कर लिया। सारे गांव वालो ने एक जुट होकर मेरा आना जाना, तथा खेत पर आना जाना व दैनिक आवश्यकता की सारी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा कर जान से मारने कि धमकी देने लगा एवं मुझे व मेरे परिवार को प्रताड़ित करने लगे। मुझे परिवार सहित गांव से निकालने पर मजबूर कर दिया। मे जान बचाकर अपने रिश्तेदार के यहा वहा भागा फिर रहा हु। तथा अब सारे गांव वाले कह रहे है कि अगर तूने तथा तेरे परिवार वालो ने गांव के अन्दर पैर रखा तो जान से मार देंगे, अपराधी मेरे मकान व फसल को भी हानि पहुंचा सकते है। तथा मुझे जान का खतरा है।

महोदय जी मुझ प्रार्थी ने थाना छापीहेडा में भी रिपोर्ट कि पर वहा भी अभी तक मेरी रिपोर्ट पर कार्यवाही नहीं कि जा रही है। और आपराधी प्रवत्ती के दिनेश व उनके साथी हमें जान से मारने के लिए घूम रहे है और हम सब परिवार वालो को गांव के अन्दर भी नहीं घुसने दे रहे है। हम अभी भी रिश्तेदारों के घर रह रहे है। अगर हम सब परिवार वालो को किसी भी प्रकार कि कोई घटना होती है। तो घटना मे शामिल दिनेश बैरागी व अन्य जिम्मेदार रहेंगे ।””” तथा पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक महोदय से न्याय की गुहार लगाई।

क्यादेखना होगा क्या अब भी कुछ होगा या पीड़ित ऐसे हि भटकता रहेगा, क्या दलित समुदाय के साथ यही होता रहेगा। आखिर कब ध्यान देगा छापीहेड़ा प्रशासन व राजगढ़ प्रशासन ????

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