राजगढ़। कबीर मिशन समाचार, रामेश्वर मालवीय 8462072516
जिले के सारंगपुर तहसील में एक शासकीय स्कूल में अनुसूचित जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सालों से नौकरी कर रही है। कागज़ों वहां शिक्षिका अनुसूचित जाति का बनकर नौकरी कर रही हैं और बहार सामान्य श्रेणी में रहती हैं। मेडम का अनुसूचित जाति वर्ग की किसी उपजाति में न कोई संबंध है और रिशतेदार है। नौकरी लगना भी संदेह का विषय बना हुआ है लेकिन जांच कौन करें? राजगढ़ जिले में ऐसे कई एक दर्जन लोग संदेह के घेरे में होंगे।
अभी सारंगपुर क्षेत्र के स्कूल का मामला हमारे संज्ञान में आया है जल्दी ही इसका खुलासा बड़े स्तर पर किया जाएं। जिले से और भी जानकारी हमारी टीम जुटाकर खुलासा किया जाएगा। अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के जागरूक लोग व अन्य किसी के पास भी राजगढ़ जिले में ऐसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी करने वाले की सूचना है तो हमें जानकारी बता सकते हैं आपकी जानकारी गुप्त रखने की हमारी जिम्मेदारी होगी। रामेश्वर मालवीय प्रबंध संपादक कबीर मिशन समाचार, 8462072516, मेल भी कर सकते हैं – editor.kabirmission@gmail.com,
खैर जाति प्रमाण पत्र बनाने अब तो बहुत जटिलता है अनेक दस्तावेज लगाएं जातें हैं लेकिन पहले तो राजनीति और पैसे की दबाव में कई फर्जी जाति प्रमाण बनें हैं जिससे केवल नौकरी ही नहीं राजनीति पद जैसे विधायक, सांसद संवैधानिक पद लोग धोका देकर ग़लत तरीके से आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। ऐसे कई मामले मप्र के हाईकोर्ट में चल रहे हैं। वहीं पंजाब में कई महीनों से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन चल रहा है। जिसमें 5 हजार फर्जी जाति प्रमाण पत्र रजिस्टर हैं जिसका डाटा धरना प्रदर्शन करने वालों के पास मौजूद है।
वहीं दूसरी ओर कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में विधानसभा के बहार अनुसूचित जाति जनजाति लोगों द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर नंगा नाच किया गया है लेकिन किसी के भी कान में जूं नहीं रेंगती है। ये कितने बेशर्म लोग हैं एक तरफ तो आरक्षण को बदनाम करके एससी एसटी ओबीसी को ताने मारते हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर आरक्षण का लाभ लूटकर उन्हीं का हक़ मारकर बैठे हैं।
यदि केन्द्र सरकार इसकी कमेटी बनाकर ऐसी शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कराएं तो लाखों लोग इस मछली की जाल में फंसेंगे? खैर जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी और राजनीति कर रहे हैं और वास्तविक आरक्षित वर्ग तो बेरोजगार बनाया जा रहा है। बैकलाक के पद इसीलिए तो सालों से खाली करके रखा जा रहा है। अभी जिले में एक दर्जन लोग संदेह के घेरे में है।