राजगढ़ समाज

राजगढ़/ सारंगपुर। भेदभाव और दबाव – पहले गांव ढाकनी में दलितों को मंदिर जाने से रोका, मामला दर्ज हुआ और अब समझौता करने के बनाया जा रहा दबाव, तीन दिन से कर दिया दलित बस्ती का पानी बंद।


राजगढ़/सारंगपुर। कबीर मिशन समाचार, रामेश्वर मालवीय, 8462072516


राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील के ग्राम ढाकनी में गत दिवस दिनांक 07/07/2023 को ग्राम ढाकनी में अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति को मंदिर में जाने से रोका गया था उसके साथ मारपीट की गई थी। इस संबंध में दिनांक 08/07/2023 को थाना सारंगपुर में उक्त घटना के संबंध में आवेदन देकर संबंधित व्यक्तियों पर एफ.आई.आर दर्ज करवा दी गई थी। इसके पश्चात दिनांक 13/07/2023 को अनुसूचित जाति मोहल्ले में जो पीने के पानी के टंकी थी उसे गाँव के दंबगों द्वारा सरिए करते हुये पूर्ण रूप से नष्ट कर दी है।

वही अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्ति ग्राम के सरपंच के घर से निजी बोरवले से पीने का पानी लाते थे। वह भी दिनांक 13/07/2023 से बंद कर दिया गया है। जिससे पुरे मोहल्ले वासियों को गत 3 दिन से पीने के पानी की बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गांव के अनुसूचित जाति मोहल्ले में एक पुराना हैंडपंप हैं उसको चालु कराने की व्यवस्था अतिशीघ्र करवाने का कष्ट करे साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा पीने के पानी के लिये टंकी बनवाने हेतु अतिशीघ्र ग्राम पंचायत को आदेशित करने कृपा करें।

ऐसे मांग को लेकर गांव के लोग सारंगपुर एसडीएम कार्यालय पहुंचे लेकिन राजगढ़ के ब्यावरा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आगमन हो रहा है तो पुरा प्रशासन वहीं लगा हुआ है। ऐसे में कौन इनकी सुनेगा।

खबर से पहले सूचना मिली कि प्रशासन ने पटवारी सहित कुछ अधिकारी को गांव भेजा था लेकिन अभी तक क्या निर्णय हुआ और होगा बाद का विषय है फिलहाल पानी की क्या व्यवस्था की गई है और गांव का सरपंच ही खेल को क्यों रच रहा है वहां एक संवैधानिक पद पर हैं उस एक सरपंच को निष्पक्ष रहकर काम करना चाहिए और ऐसे घटिया मानसिकता रखने वालों का साथ नहीं देना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार सरपंच भी मामले में समझौता करने का दबाव बना रहा है। अभी कुछ दिन के टैंकर से पानी की व्यवस्था की बात की है लेकिन यह सब कब तक चलेगा। इससे देश किस दिशा में जा रहा है।

सारंगपुर राजगढ़ जिले की आरक्षित सीट है और 35-40 साल से एक ही परिवार से भाजपा का विधायक बने बैठे है, लेकिन विधायक श्री कोठार दलितों के साथ होने वाले अत्याचार में कभी भी सामने नहीं आते हैं। उनको केवल अपनी सीट से मतलब है। जबकि बाबा साहब अम्बेडकर ने आरक्षित सीट एससी एसटी वर्ग के लोगों के भलाई के लिए सीटों का आरक्षण संविधान में कराया गया था, लेकिन आज सब उल्टा हो रहा है।

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