सारंगपुर, जिला।। राजगढ़
कबीर मिशन समाचार सारंगपुर से
धर्मेन्द्र माण्डले की रिपोर्ट
इस्लामी परचम के निशान पाक , अलम मुबारक, अखाड़े, मातमी जत्थे, ढोल, नगाड़े, ताशे डी जे सभी करबला में पेश करेंगे फूल और अक़ीदत..
हज़रत इमाम हुसैन के मानवतावाद का फ़लसफ़ा मोहर्रम के जूलूस में नज़र आयेगा
सारगपुर। इमाम अली मुक़ाम ताजदार-ए-शहीदाने करबला हज़रत इमाम हुसैन साहेब अ.स के मानवतावाद की हिमायत और यज़ीद के आतंकवाद के खिलाफ़ मुज़ाहिरा करते हुए सारंगपुर की सड़कों पर लाखों इंसानियत पसंद मानवतावादी लोग पूरी श्रद्धा और अक़ीदत के साथ यौम-ए-आशुरा मोहर्रम का विशाल परम्परागत जुलूस निकालेंगे।एम ए अलीम बाबा सदर शहर सारंगपुर के तत्वावधन में हर वर्ष की भांति इस बार भी पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स.अ.व) साहेब के प्यारे नवासे हज़रत इमाम हुसैन साहब की शहादत की यादगार मोहर्रम योम-ए-आशुरा पर विशाल परम्परागत जुलूस 29 जुलाई 2023 को सुबह निकाला जाएगा, जिसमें हजारों लोग शामिल होकर अपनी-अपनी अक़ीदत पेश करेंगे।
जुलूस में आगे-आगे परचम-ए-इस्लाम,निशान पाक,अलम मुबारक तथा नौहाख्वान मातमी जत्थे होंगे, मरसीए और नोहाख़्वानी करते हुए जुलूस में शामिल कई हुसैनी लोग सामूहिक ग़म मनाकर परम्परागत मातम भी करेंगे। उनके पीछे सैकड़ों छोटे-बड़े आकर्षक ताज़ियों, अखाड़े, नगाड़े, ढोल, ताशे डी जे आदि भी प्रमुख रूप से शामिल होंगे। जुलूस में चौराहों पर जगह-जगह उलेमाओं की मज़हबी तक़रीरे भी होेंगी तथा वाअज़ कर हज़रत इमाम हुसैन अ.स की पवित्र जीवनी पर प्रकाश ड़ालेंगे।
सारगपुर में मुस्लिम त्यौहारों के कार्यकमों की मुख्य आयोजक एम ए अलीम बाबा सदर शहर, युसफ उसताद,सारगपुर ने इस सम्बंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बाताया है कि तत्वावधान में और बुजुर्गों की सरपरस्ती क़यादत में हर वर्ष की तरह इस बार भी पूर्ण श्रद्धा एवं अक़ीदत के साथ मोहर्रम का पर्व मनाया जाएगा। मोहर्रम के अनेक ताज़ियों में पर्यावरण चेतना के प्रतीक के रूप इसके पूर्व 28 जुलाई 2023 को शहादत की रात में शहर भर में ताज़िये और गश्त कर प्रमुख दरगाहों, एवं इमामबाड़ों,आस्तानों पर सलामी की रसम होगी।
एम ए अलीम बाबा सदर शहर सारगपुर ने बताया कि 29 जुलाई 2023 को सुबह मोहर्रम का मुख्य जुलुस शुरू होगा और भुरी का मेदान, इमामबाड़ा, हाट मोहल्ला, डडिया वाडी,सदर बजार,वजीर हुसैन, सरखेल वाडी,सैय्यद वाडी,सिधाखाल,अमन खेल, के अलम मुबारक, नौहाख्वान मातमी जत्थे, सदर बाजार, भुरी का मेदान, पर आकर मिलेंगे। इसीके साथ के अलम मुबारक, निशान पाक के साथ मातमी जत्थे और मरसियाख्वान भी आऐंगे तथा हुसैन चौक पर आकर शहर के सभी अलमदार साहेबान भी कमेटी के मुख्य जुलूस में शामिल होंगे, फ़िर जुलूस मडाई हाट जामा मसाजिद से होकर परम्परागत रास्तों से गुज़रता हुआ करबला मैदान पर दोपहर तक पहुंचेगा। इसके पीछे सभी ताज़ियों,अखाडों, परचमों ,ढ़ोल ताशों के क़ाफ़िले भी करबला पंहुँचेगे। जुलूस के रास्तों में जगह-जगह अक़ीदतमंदों, जानिसारों, श्रद्धालुओं द्वारा ताज़ियों,अलम शरीफ़ पर हार फ़ूल पेशकर अपनी अक़ीदत पेश की जाएगी। जुलूस में अखाड़ों के फनकार मनमोहक करतब भी दिखायेंगे। एम ए अलीम बाबा सदर शहर सारगपुर ने सभी शहरवासियों से मोहर्रम का पर्व परम्परागत सद्भाव के साथ मनाने की अपील करते हुए गंगा जमुनी तहज़ीब को क़ायम रखने का सभी से आव्हान किया है।
उन्होंने बताया कि शहर में सांझी परम्परा यानि गंगा-जमुना तहज़ीब की रिवायत को जारी रखते हुए इस बार भी मोहर्रम के जुलूस में मुस्लिम समाज के अनेक ताज़ियों, अलम शरीफ आदि के विशाल ताज़िये भी आकर्षण का केन्द्र रहेगे एम ए अलीम बाबा सदर शहर सारगपुर के अनुसार मोहर्रम के परम्परागत विशाल जुलुस में सैकड़ों आकर्षक ताज़ियों के दर्शनार्थ काफ़ी अधिक लोगों के आने की उम्मीद को दृष्टिगत रखते हुए इस बार सारगपुर पुलिस प्रशासन के सहयोग से कमेटी के सर परसत हाजी युसफ उसताद, शेख बाहदुर, निजाम कुरैशी, डा रफीक शेख, ,नवेद अली, रफीक सेठ, शफीक मौलाना,सैय्यद हफीज अली, कमरुद्दीन कुरैशी,आयज शेख, हाजी रईस अनसारी,अजीज माईकल,निजाम कुरैशी, रईस वकील,सलीम वकील, साजिद काजी, नफीस काजी, मुजाहिद जैदी, जेगम जैदी,आमिल काजी, मजहर जैदी,अनवा काजी, अफाक काजी, तोफीक कुरैशी,हसीब कुरैशी,अजीम भोपाली, हलीम कुरैशी,अलताफ़ मेव, आदि,की जानिब से बड़े पैमाने पर व्यवस्थाए की गई है। ताज़ियागाह पर इंतज़ाम किया गया है तथा जिन ताज़ियेदारों द्वारा अपने ताज़िये नदी में ठंडे किये जाते हैं, उनके लिये ताज़िया घाट पर ले जाकर विसर्जन की व्यवस्था प्रशासन पुलिस एस डी ओ पी जुईस दास,एस डी एम सजय उपाध्याय टी आई अशुतोष उपाधयाय,सी एम ओ डोडिया, के सहयोग से की गई है। सभी ताज़िये, सवारियॉ, अखाड़े, अलम मुबारक निशान पाक सबसे पहले करबला मैदान ही पहुंचेगे और यहां आकर अपनी अपनी मज़हबी रसूमात नियाज़ फातेहा और खुशबू लौभांन की पूरी करेंगे और इसके बाद ही सभी अपनी-अपनी अक़ीदत के अनुसार विसर्जन करेंगे।
एम ए अलीम बाबा सदर शहर सारगपुर ने बताया कि मोहर्रम का चॉद नज़र आते ही सारगपुर की ,शिया जामा मस्जिद सहित अनेक मस्जिदों , मदरसों, ख़ानक़ाहों के अलावा सभी इमामबाड़ों,पर परम्परागत हुसैनी मजलिसों का सिलसिला भी चल रहा है। इत्यादि अनेक शहरों के प्रमुख उलेमा साहेबान मजलिसों को संबोधित कर करबला की लोमहर्षक घटना का वर्णन कर सच्चाई का संदेश दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ताज़ियों का निर्माण कार्य तो ईद उल-अज़हा-के तीन दिन बाद से ही शुरू हो चुका है और लगभग सैकड़ों छोटे-बड़े ताज़ियों बनकर तैयार भी हो चुके हैं, जो शहर में गशत करते हुए जगह-जगह सलामी लेकर करबला में पहुंचकर मज़हबी रसूमात पूरी करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 31 जुलाई 2023 को सैय्यद वाडी इमाम वाडे में परम्परागत मजलिसे सोयम होगी जिसमें अनेक हुसैंनी जमात के श्रृद्धालू इकठठे होकर नियाज़-ए-हुसैन करेंगे और लंगर खिचड़ा (भंडारा) तक़सीम किया जाएगा। शहर के सभी ताज़िएदार, अलमदार, मातमदार, और सभी दरगाहों एवं इमामबाड़ों तथा ख़ानकाहों के ख़ादिमान भी इसमेें ख़ास तौर पर शामिल होकर तीजा शरीफ़ की फा़तेहा कर अक़ीदत पेश करेंगे।नो तारिख, दस तारिख, भी रोजा रहता है