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सारू-मारू की गुफाएं , सारु मारु एक प्राचीन मठ परिसर और बौद्ध गुफाओं का पुरातात्विक स्थल है।

कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर। सिहोर से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।

तथागत गौतम बुद्ध के शिष्य महामोद्गलायन और सारीपुत्र के समय की हैं। यह स्थल सीहोर जिले के बुधनी तहसील के ग्राम पान गुराड़िया के पास स्थित है। यह स्थल सांची से लगभग 120 किलोमीटर दूर है। इस स्थल में कई स्तूपों के साथ-साथ भिक्षुओं के लिए प्राकृतिक गुफाएं भी हैं। गुफाओं में कई बौद्ध भित्तिचित्र (स्वस्तिक, त्रिरत्न, कलश ) पाए गए हैं।

मुख्य गुफा में अशोक के दो शिलालेख पाए गए थे, जो अशोक के संपादकों में से एक है, और एक शिलालेख में अशोक के पुत्र महेंद्र की यात्रा का उल्लेख है। अन्य शिलालेख के अनुसार सम्राट अशोक जब विदिशा में निवास करते थे।उस समय उनके द्वारा इस स्थल की यात्रा की गई थी।

सम्राट अशोक के राज्यकाल के पहले की गुफाएं व स्तूप हैं। यहां सम्राट अशोक सम्राट बनने के बाद आए थे। जिसके शिलालेख सांची में सुरक्षित रखे गए हैं। बुदनी का बुद्धकाल में बुद्धनगरी था, बुदनी के पास तालपुरा नामक स्थान पर भी बुद्ध के स्तूप निर्मित हैं।

लगभग 50 एकड़ क्षेत्रफल में फैली इसी पहाड़ी में शैल चित्र एवं 25 से अधिक बौद्ध स्तूप हैं. जिनका रख-रखाव और संरक्षण राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग किया जाता है।

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