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आधुनिक भारत के विकास का आधार है विज्ञान- डॉ. बघेल

ग्लोबल इण्डिया ग्रुप ऑफ स्कूल मौ जिला भिण्ड में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से रमन सांइस रिसर्च फाउण्डेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ. पंकज बघेल निदेशक ग्लोबल इण्डिया ग्रुप ऑफ स्कूल मौ जिला भिण्ड ने अपने उदबोधन में कहा कि विज्ञान नवाचार को बढाया देने तकनीकी प्रगति को बढ़ाया देने और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करके भारत की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आर्थिक विकास के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है। उद्योग को सशक्त बनाता है। स्वास्थ्य देखभाल को बढाता है और कृषि सुधार में योगदान देता है खाद्य सुरक्षा सुनिश्चत करता है।

इसके अलावा विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान एवं कुशल कार्यबल का पोषण करने उद्यमशीलता को बढावा देने और विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में भारत को एक नया रूप में स्थापित करने में सहायक है। रमन साइंस रिचर्स फाण्उडेशन द्वारा विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित विज्ञान मेले में विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ बर्षा जैन ने कहा कि विज्ञान ने कई मायनों में समाज पर गहरा प्रभाव डाला है। इसने दुनिया के बारे में हमारी समझ में क्रांति ला दी है। स्वास्थ्य देखभाल में बदलाव किया है और तकनीकी प्रगति को सक्षम बनाया है। विज्ञान ने कृषि में सुधार किया है, संचार बढ़ाया है और बाहरी अंतरिक्ष की खोज की है। इसके अलावा वैज्ञानिक खोजो ने जलवायु परिवर्तन महामारी और संसाधन स्थिरता सहित समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

डॉ. परवेज कुरैशी ने सांइस जागरूकता मेले में बोला कि स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे विज्ञान ने समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। चिकित्सकीय प्रगति ने मानव जीवन काल को बढ़ाया है। जीवन में घातक बीमारियों को खत्म किया है। और दुनिया भर में लोगो की समग्र भलाई में सुधार किया है। एंटीबायोटिक्स से लेकर टीकों तक में विज्ञान ऐसे समाधान प्रदान करता रहता है, जो हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते है। डॉ. राधा ओझा ने बोला कि आज की परस्पर जुडी दुनिया में विज्ञान और प्रोधोगिकी साथ-साथ चलते है। प्रोधौगिकी में प्रगति के कारण स्मार्टफोन, इंटरनेट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास हुआ है। इन नवाचारों ने हमारे रहने काम करने और संचार के तरीके को बदल दिया है। विज्ञान और प्रोधौगिकी ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतो के निर्माण को भी प्रेरित किया है। जो जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण है।

तीन दिवसीय विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओं ने वाद विवाद प्रतियोगिता, क्यूिज प्रतियोगिता, ड्रॉइंग प्रतियोगिता, रोल प्ले, नुक्कड नाटक, साइंस मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें सभी विजयी प्रतियोगिताओं को पुरूस्कृत किया गया जिसमें साइंस मॉडल प्रतियोगिता में प्रदीप गोयल ने प्रथम पुरुस्कार, वंश कुशवाह ने दूसरा पुरुस्कार, एवं रोहिनी त्यागी ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। ड्राइंग प्रतियोगिता में संख्या सिरोठिया ने पथम प्ररूस्कार प्राप्त किया व प्रसिद्धि ओझा ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं निशा जादौन ने तीसरा पुरुस्कार प्राप्त किया।

डिवेट प्रतियोगिता में पलक ओझा ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व प्रियंका जादौन ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं समबेग कुशवाह ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। क्यूिज प्रतियोगिता में आशू खॉन ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया व युवराज सिंह ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं नायरा ओझा ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया । नुक्कड नाटक प्रतियोगिता में अनिकेश जादौन ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व सुदर्शन कुशवाह ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं प्रवेश सोनी ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक रूप से विजयी प्रतिभागियों को पुरुस्कार एवं मेडल प्रदान किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील राणा ने की तथा कार्यक्रम का संचालन मिस दिव्या शर्मा ने किया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रज्ञा ओझा, मनीषा जादौन, व राहुल शर्मा उपस्थित थे।

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