कबीर मिशन समाचार जिला सिहोर आष्टा से संजय सोलंकी कि रिपोर्ट
आष्टा – कोरोना के बढ़ते कैस ने चिंता बड़ा दी है।सिविल अस्पताल आष्टा में स्वेच्छा से सैंपल देने वालों की कोराना जांच की जा रही है। कोरोना की सुगबुगाहट के बीच बीएमओ डॉक्टर सुरेश माहौर ऑक्सीजन प्लांट की मशीन को चालू कराते नजर आए। सिविल अस्पताल परिसर में लगे दो प्लांट में से एक प्लांट बंद है।
150 एलपीएम (लीटर पर मिनट) वाला ऑक्सीजन प्लांट भी अब चालू हो चुका है। कोरोना को देखते हुए यहां कोविड वार्ड तैयार करा दिया है। इसमें 30 बेड ऑक्सीजन सप्लाई वाले हैं जिससे आने वाले मरीज को असानि से आक्सीजन दिया जा सकता है ।
अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट और कंसन्ट्रेटर तो है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। रोज 1 -2 सैंपल ही रोज हो पा रहे हैं। सिविल अस्पताल आष्टा में 2 ऑक्सीजन प्लांट में से एक प्लांट बंद है। हालांकि बीएमओ का कहना है कि है कि 300 एलपीएम वाले प्लांट को भी दो-तीन दिन में सही करा दिया जायेगा एमडी मेडिसिन डॉक्टर नही होने के कारण हो रही समस्या कोरोना का नया वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर सरकार और स्वास्थ विभाग भी अलर्ट हो चुका है।
सिविल अस्पताल आष्टा में तैयारियां की समीक्षा की गई। सिविल अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी में दूसरी लहर के मुकाबले संसाधन तो काफी बढ़े हैं, लेकिन अभी भी डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। आष्टा में आज भी कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के लिए एमडी मेडिसिन डॉक्टर नहीं है।
बीएमओ डॉक्टर माहौर के अनुसार सिविल अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली सहित 372 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। एक ऑक्सीजन प्लांट भी काम कर रहा हैं, जिनकी टेस्टिंग हमने कर ली है।