शाजापुर। एसपी और कलेक्टर ऑफिस का घेराव अत्याचार शोषण के खिलाफ़ लामबन्द हुआ दलित समाज।
कबीर मिशन समाचार। शाजापुर मध्य प्रदेश
शाजापुर। सन् 1963 में राज्य सरकार द्वारा भूमिहीन गरीब मजदूरों को अपनी आजीविका चलाने हेतू पट्टे दिए गए थे। तब से लेकर अब तक ये लोग उक्त भूमि से अपना जीविकोपार्जन करते आ रहे थे। लेकिन 2 माह पूर्व पंचायत चुनाव में गांव का जातिवादी दबंग नितिन पटेल, सरपंच का चुनाव जीता।
और संदेह के चलते गांव में रहने वाले दलित परिवार को धमकाया कि तुम लोगों ने मुझे वोट नही दिया। इसलिए तुम्हें गांव में रहने का कोई हक नहीं है। और यदि तुम लोगों को गांव में रहना है तो यह जमीन जो शासन ने तुमको दी है वह मुझे दे दो अन्यथा गांव में रहने नही दूंगा।
सरपंच द्वारा जमीन को अवैध रूप से हथियाने की कोशिश का विरोध जब दलितों ने किया। तो इन लोगों के साथ सार्वजनिक रूप से मारपीट कर इनके खेतों की फसलों को नष्ट कर दिया गया तथा इन लोगों पर झूठे मुकदमें दर्ज करवाए गए। गांव में घुसने नहीं दिया गया जिससे व्यथित होकर सभी 8 दलित परिवार के लोग अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार से मिले और अपनी व्यथा सुनाई।
वंचितों की व्यथा सुनकर परमार ने अपने सैकड़ों कार्यकर्ता के साथ आज शाजापुर के लिए कूच किया । और एसपी ऑफिस का घेराव किया। समाजजनों द्वारा की जा रही नारेबाजी के बिच एसपी जगदीश डाबर बाहर आए और पीड़ितो की बात सुनी, परमार ने पुरा घटनाक्रम एसपी को बताया। और कहा इन गरीब मजदूरों की कोई सुनने वाला नहीं है।
आपकी पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही। उलटे इन लोगों पर ही झूठे केस दर्ज करवाए जाते है। दबंग सरपंच से भयभीत ये लोग जैसे तैसे अपनी जान बचाकर जीवन जी रहे हैं। और आपसे रक्षा सुरक्षा की उम्मीद कर रहे हैं ।
एसपी ने पीड़ितो को आश्वस्त किया कि पुलिस पर भरोसा रखिए। जिस भूमि पर खेती कर रहे हैं पुनः कीजिए हम आपकी पूरी सुरक्षा करेंगे। और यदि किसी ने आप लोगों को शारीरिक क्षति पहुंचाई या गुंडागर्दी की तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
तत्पश्चात समाजजनों ने कलेक्टर कार्यालय की ओर रुख किया। कार्यकर्ताओं का हल्ला सुनकर एसडीएम नरेन्द्रनाथ पाण्डे बाहर आए और पूरा घटनाक्रम सुनकर बोले कि कलेक्टर साहब ने मुझे आपकी समस्या हल करने भेजा है। आप निश्चिंत होकर अपनी जमीन पर खेती करिए में स्वयं वहां पर आऊंगा यदि सरपंच द्वारा कोई गलत कार्य किया जा रहा है तो उस पर कार्रवाई करूंगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मिश्रीलाल चौहान, संतोष नागर,राकेश केशवाल, चंदा मालवीय, निर्मला वानखेड़े, रेखा सोलंकी, सर्चना चौहान, रवि मकवाना, कुंदन चौहान, रोहित आंजना, अमरीश बिजोनियां, प्रदीप मालवीय, सचिन सिंदल, धन्नालाल सोलंकी, जयप्रकाश मालवीय,सहित अखिल भारतीय बलाई महासंघ के कार्यकर्ता के साथ सैकड़ो की संख्या में समाजजन मौजूद थे।