कबीर मिशन न्यूज़ :- रामहेत बारोलिया जिला प्रतिनिधि गुना
नई शिक्षा नीति के तहत लागू क्रेडिट सिस्टम से बिगड़े परीक्षा परिणामों के खिलाफ पिछले 3 महीने से चल रहा छात्र आंदोलन आखिर सफल हुआ। छात्रों का संघर्ष रंग लाया। गत दिवस जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के परीक्षा परिणाम को सुधारकर पुन: घोषित किया। जिसमे हजारों छात्र पास हुए। डीएसओ के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह पवार ने सभी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत असल मे छात्रों के संघर्ष की जीत है लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। जब तक तमाम शिक्षा विरोधी नीतियां लागू होती रहेंगी हमारी मुश्किलें बढ़ती रहेगीं।
पंवार के अनुसार बीयू को उच्च शिक्षा द्वारा बनाया ऑर्डिनेंस तक समझ नहीं आ रहा। यही हाल जीवाजी विश्वविद्यालय का हुआ। जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा घोषित किए गए यूजी प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम में छात्रों की एक बड़ी संख्या उत्तीर्ण होते हुए भी क्रेडिट सिस्टम से तैयार की गई अंकसूचियों के चलते अनुत्तीर्ण हो गए थे। जिसके खिलाफ़ संगठन के बैनर तले इस समस्या को लेकर हजारों छात्र आंदोलन के लिए आगे आए। जिस सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने पर वाह वाही लूटी वही सरकार छात्रों के बिगड़े परीक्षा परिणामों पर मौन बैठी रही।
परेशान छात्रों ने जीवाजी विश्वविद्यालय का घेराव किया। इसके दवाब में जीवाजी ने मांगे मानने का लिखित आश्वासन तो दे दिया, पर उसे लागू नहीं किया। इस वादाखिलाफी के विरोध में आंदोलन को और तेज किया गया। उच्च शिक्षा विभाग में जाकर आयुक्त, उच्च शिक्षा मंत्री से प्रतिनिधि मंडल मिलने गया। अशोकनगर, गुना, ग्वालियर जगह-जगह धरना प्रदर्शन रैली किए गए। अंतत: छात्र आंदोलन के दबाव में प्रशासन को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी और परीक्षा परिणाम में पुन: संशोधन कर जारी करना पड़ा।