बंटी गर्ग- जिला ब्यूरो चीफ भिंड मो, 826815098
रोन लहार/ कांशीराम सहाब के 18 वे परिनिर्माण दिवस चंदवली रौन में श्रदांजली सभा के रूप में मनाया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रुप में इंजी.वीरू धनौलिया जी उपस्थित रहे, वीरू धनौलिया जी के साथ आए अतिथि एड .निलेश कनेरिया जी और शेर सिंह कुस्तवार जी और सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। बही वीरू धनौलिया ने मान्य. साहब के चरणों में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। बही सभी वक्ताओं ने मान्य सहाब कांशीराम के त्याग, बलिदान साघर्षो की जानकारी लोगो के बीच रखी , बही सामाजिक कार्यकर्ता इंज वीरू धनोलिया ने कहा, की सोचिए क्यों कौन से क्या कब और कैसे हो गया, हम किंग थे इस मुल्क के, अब रंक कैसे हो गए। जब तक ना था ज्ञान हम अनजान बने सहते रहें,अब जानकर अनजान बन पशुओं सा जीवन क्यों जिए । बही वीरू धनोलिय जी ने सभी महापुरुषों के त्याग बलिदान के बारे में जानकारी दी । बही धनौलिय ने कहा की हमसबको शिक्षित होना जरूरी है शिक्षा के साथ हम सबको एक रहने की जरूरत है , हम बटकर रहेंगे तो समाज का विघटन होगा हमको एक होकर रहना चहिए ।
बही धनोलिया से कहा हम आपके साथ हर समस्या में खड़े रहेंगे , सभा में उपस्थित रहे इंजी.वीरू धनौलिया, शेर सिंह कुस्तवार, एड. निलेश कनेरिया, गोरेलाल नौरोजी, लालाराम नौरोजी , बंटीराम धमनेतिया, वृन्दावन नौरोजी, गंगादीन नौरोजी, सन्तोष, राकेश,, ब्रजेंद्र, बलवीर, कृपाराम जारोलिया, अनिल कुमार, रमेश नौरोजी, अखिलेश, जबरसिंह, अनिल कुमार, बही माता और बहनों ने भी साहब कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की, माता बहनों में उपस्थित रही, रामबेटी, श्रीकुअर, लोंगश्री, प्रेमा, चंदना, मायादेवी, पूजा, बेटी, इंद्राबती, लोंगा, प्रीति, बंधना, रीमा, रेखा, सीमा, नीतू, नीलम, आदि लोगों ने सहाब कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित की “मान्यवर कांशीराम जी के 18वें परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा: वीरू धनौलिया ने दिया शिक्षा और एकता का संदेश”आज रौन में महामानव मान्यवर साहब कांशीराम जी के 18वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर वीरू धनौलिया जी उपस्थित थे। उनके साथ अन्य गणमान्य अतिथि एडवोकेट निलेश कनेरिया, शेर सिंह कुस्तवार और सैकड़ों लोग भी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मौजूद थे।इस भावुक अवसर पर वीरू धनौलिया जी ने कांशीराम जी के चरणों में पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। सभा के दौरान सभी वक्ताओं ने मान्यवर कांशीराम साहब के महान त्याग, बलिदान और संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया।इंजी.वीरू धनौलिया जी ने अपने संबोधन में कांशीराम जी के विचारों और उनके आंदोलन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “कभी हम इस देश के राजा थे, लेकिन अब किस परिस्थिति में हम गरीब हो गए।
जब तक हम अनजान थे, हम सहते रहे, लेकिन अब जब हमने ज्ञान प्राप्त कर लिया है, तो हम पशुओं की तरह जीवन क्यों जी रहे हैं?”उन्होंने समाज में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि जब तक हम शिक्षित नहीं होंगे, हम जागरूक और संगठित नहीं हो सकते। उनका मानना था कि समाज का विघटन तभी रुक सकता है जब सभी एकजुट हों और एक-दूसरे का साथ दें। वीरू धनौलिया ने सभी महापुरुषों के बलिदान और उनके संघर्षों की जानकारी देते हुए कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा और एकता बेहद जरूरी हैं।