राजगढ़ 20 अक्टूबर, 2022 उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा दी गई जानकारी अनुसार रबी सीजन में किसान भाई उर्वरक प्रबंधन के अंतर्गत संतुलित रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर उत्पादन बढायें। फसल की मांग अनुसार ही रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए। इस हेतु किसान भाई अनुमानित फसलवार दियें गये विकल्पों में से विकल्प का चयन कर उर्वरक पर अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है। उन्होने किसान भाईयों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक लागत से बचने के लिये फसल अनुसार कम लागत वाले विकल्प का चयन कर ही रबी सीजन की बुवाई करें।उन्होनें जिले में रबी फसलों हेतु प्रारंभिक आवश्यकतानुसार अक्टूबर माह में पूर्ति हेतू डीएपी एन पीके 12:32र:16, एनपीकेएस 20:20:0:13 एवं सिंगल सुपर फास्फेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिले मे यूरिया 3558.85 मे टन, डीएपी 6837.75 मे टन, एसएसपी 15425.65 में टन एनपीकेएस 4825.57 में टन, म्यूरेट ऑफ पोटास 914.74 मे टन प्राथमिक कृषि साख सहाकरी समितियों एवं अधिकृत पंजीकृत निजी विक्रेताओ के यहां उपलब्ध है।किसान भाई बोनी के समय प्रयोग किये जाने वाला उर्वरक डीएपीए 12:32:16, 20:20:0:13 एवं सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें तथा यूरिया की आवश्यकता फसल बोने के 20 दिन पर होती है।
शासन द्वारा निरंतर उर्वरक की रेक उपलब्ध करायी जा रही है। एनएफएल की डीएपी की 14 अक्टुबर 2022 को 2710 टन रेक लगी थी, इसी प्रकार 19 अक्टुबर 2022 को हिण्डालको की डीएपी मात्रा 4048 में टन, पारादीप फस्फेट कंपनी की 20:20:0:13 की प्रस्तावित रेक भी एक.दो दिन मे लगानी है। यूरिया 1200 टन एनएफएल कंपनी का सड़क मार्ग के द्वारा जिले में पहुंच रहा है। चम्बल फर्टिलाइजर यूरिया मात्रा 2529 टन की रेक 20:10:2022 को ब्यावरा रेक पाईन्ट पर आज लगी है। शासन द्वारा निरंतर रेको के माध्यम से उर्वरक आपूर्ति की जा रही है। किसी प्रकार की कमी नही आये इसके लिये शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे है ।कृषक भाईयों से अपील की जाती है वैज्ञानिक अनुशंसा अनुसार ही उर्वरको का उपयोग करें रबी की प्रमुख फसलों के लिये उर्वरकों के निम्नानुसार विकल्प है। जिनका उपयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। ;अद्ध गेंहू सिचित की खेती के लिये नाईट्रोजन 120, फास्फोरस 60, पोटास 40 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हेतू निम्नानुसार विकल्प का चयन कर सकते है । जिसमें यूरिया 4 बैग 30 किग्रा डीएपी2 बैग 30 किग्रा, म्यूरेट ऑफ पोटास 1 बैग 17 किग्रा प्रति हेक्टर दिया जाता है। यूरिया 5 बैग 35 किग्रा एएसपी 7 बैग 25 किग्रा, म्यूरेट ऑफ पटास 1 बैग 17 किण्ग्राण्, प्रति हेक्टर दिया जाता है। यूरिया 5 बैग 16 किग्रा एनपीके 3 बैग 30 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटास 17 किग्रा, प्रति हेक्टर दिया जाता है।चना सिंचित की खेती के लिये नाईट्रोजन 20, फास्फोरस 60 किग्रा प्रति हेक्टर पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हेतू निम्नानुसार विकल्प का चयन कर सकते हैंण् 1विकल्प 1 जिसमें डीएपी 2 बैग 30 किग्र प्रति हेक्टर दिया जाता है। जिसमें यूरिया 1 बैग, एसएसपी 7 बैग 25 किण्ग्राण्ए प्रति हेक्टर दिया जाता है। ;सद्ध सरसों की खेती के लिये नाईट्रोजन 60, फास्फोरस 30, पोटास 20 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हेतू निम्नानुसार विकल्प का चयन कर सकते है।
जिसमें यूरिया 2 बैग 15 किण्ग्राण्, डीण्एण्पीण् 1 बैग 15 किण्ग्राण् तथा म्यूरेट ऑफ पोटास 33 किग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। जिसमें यूरिया 2 बैग 40 किण्ग्राण्, एसण्एसण्पीण् 3 बैग 38 किण्ग्राण् तथा म्यूरेट ऑफ पोटास 33 किण्ग्राण्ए प्रति हेक्टर दिया जाता है। 3ण् विकल्प 3 रू. जिसमें यूरिया 2 बैग 16 किण्ग्राण्, एनण्पीण्केण् 1 बैग 44 किण्ग्राण् तथा म्यूरेट ऑफ पोटास 8 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। ;दद्ध मसूर की खेती के लिये नाईट्रोजन 25 तथा फास्फोरस 50 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हेतू निम्नानुसार विकल्प का चयन कर सकते है.
जिसमें यूरिया 12 किण्ग्राण् तथा डीण्एण्पीण् 2 बैग 9 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। जिसमें यूरिया 1 बैग 9 किण्ग्राण् तथा एसण्एसण्पीण् 6 बैग 13 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। 3ण् विकल्प 3रू. जिसमें यूरिया 1 बैग 5 किण्ग्राण् तथा एनण्पीण्केण् 2 बैग 25 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। मटर की खेती के लिये नाईट्रोजन 20 तथा फास्फोरस 40 तथा पोटास 20 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति हेतू निम्नानुसार विकल्प का चयन कर सकते है. जिसमें यूरिया 9 किण्ग्राण्, डीण्एण्पीण् 1 बैग 37 किण्ग्राण्, म्यूरेट ऑफ पोटास 33 किण्ग्राण् प्रति हेक्टर दिया जाता है। जिसमें यूरिया 1 बैग, एसण् एसण् पीण् 5 बैग तथा म्यूरेटऑफ पोटास 33 किग्रा प्रति हेक्टर दिया जाता है।अधिक जानकारी के लिये किसान भाई कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग के मैदानी अमले से सपर्क किया जा सकता हैं।