छत्तीसगढ़।18वीं सदी का चुआड़ विद्रोह हो से लेकर 19 वीं सदी के तमाम आंदोलन से लेकर 20वीं सदी में अंग्रेजों के खिलाफ अल्लुरी राजू के नेतृत्व में संघर्ष किया हो, जब भी बात जल जंगल और जमीन की आई है , आदिवासी भाइयों ने अपनी अस्मिता के सम्मान के लिए आगे बढ़कर संघर्ष किया है।
हम सबके प्रेरणा स्त्रोत “धरती आबा बिरसा मुंडा जी” की जयंती का आज कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के साथियों ने जिस शक्ति, ऊर्जा, समर्पण के साथ मानकर अपनी संस्कृति का शानदार उदाहरण पेश किया है उससे यह एक बार फिर सिद्ध हो रहा है , सामंतवादियों ने जिस समाज का शोषण करके आंखरी पंक्ति में पहुंचा दिया है वह आदिवासी समाज अपनी हकों और अधिकारों के लिए अब किसी को भी शोषण करने देने वाला नही है। बहुजन समाज पार्टी के ” सामाजिक परिवर्तन एवम आर्थिक मुक्ति” की इस मुहिम का प्रबल स्तंभ आज कार्यकर्ताओं द्वारा जगदलपुर की पवित्र भूमि पर शिल्पित हुआ है। आज के कार्यक्रम से सभी के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जिससे हम आशा करते हैं आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की विधानसभा में आदिवासी समाज की आवाज हाथी की तरह चिंघाड़ेगी – । Er Ram Ji Gautam ji