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कृषकों को कोहरा एवं पाले से फसल बचाव हेतु सलाह

कबीर मिशन – संतोष कुमार सोनगरा जिला ब्यूरो चीफ आगर मालवा

आगर मालवा, 02 जनवरी। एक-दो दिन से मौसम में बदलाव होने के कारण जिले में घना कोहरा एवं पाला पडने से किसने की फसल प्रभावित हो सकती है। उप संचालक कृषि विजय चौरसिया ने बताया कि कोहरे एवं पाले से फसले जैसे टमाटर, बेगन, मिर्ची, आलु एवं चना धनिया, मसूर तथा फूल अवस्था की रायडा सरसों फसल प्रभावित होने की अधिक सम्भावना बनी रहती है। कृषक कृषि विज्ञान केंद्र आगर द्वारा जारी सलाह को अमल में लाए। कृषि विज्ञान केंद्र आगर द्वारा कृषकों को सलाह दी है कि फसलों को कोहरे एवं पाले से बचाने के लिए उत्तर दिशा में आग जला कर धुंआ करें, जिससे खेत के आस-पास का कम तापमान में वृद्धि होगी तथा खेत में हल्की सिंचाई स्प्रिकंलर से करना कारगर होगी,

साथ ही फसलों में 1 ग्राम बोरान प्रति लीटर एवं 3 ग्राम सल्फर प्रति लीटर का घोल बनाकर एक हैक्टर में 500 लीटर पानी में उपयोग कर स्प्रे करे, साथ ही इसके अतिरिक्त तरल गंधक 20 प्रतिशत 3 लीटर अथवा ग्लूकोज 1000 ग्राम अथाव थायोयूरिया 500 ग्राम का छिडकाव प्रति 1000 लीटर का घोल तैयार कर 10 बीघा के खेत में किया जा सकता हैं। इसी प्रकार एक लीटर व्यापारिक गंधक का तेजाब एक हजार लीटर पानी मिलाकर इसका छिडकाव 10 बीघा के खेत में किया जा सकता है। इससे प्रभावित फसलों की पुनर्जीवित होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

गैंहू की मौसम की प्रतिकूलता के कारण गैंहू फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप हो रहा है। यह कीट हल्के पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है। गैंहू के पौधों को जड़ से उखाडने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है। यह कीट गैंहू फसल में पौधों की जडों में से रस चूसना है जिसे कारण पौधा पीला पडने लगता है और धीरे-धीरे सुखने लगता है। शुरूआत में खेतों मे जगह-जगह पीले पडे हुए पौधे दिखाई देते हैं, बाद में पूरा खेत सुखने की संभावना रहती है। इस कीट के प्रबंधन हेतु किसानों भाईयों को सलाह दी कि इस कीट से फसल को बचाने हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 70 मिली या एसेटाप्रिमिड 20 प्रतिशत एस.पी. 150 ग्राम या थायोमिथाक्जाम 25 प्रतिशत डब्ल्यू जी. 50 ग्राम प्रति एकड़ दवा का 150 में 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।

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