धार मध्यप्रदेश

राम मंदिर निर्माण के साथ ही राम राज्य की कल्पना को साकार करें युवा — श्रीं शर्मा

रिपोर्ट पवन सावले

रामोदय युवा संगम कार्यक्रम संपन्न,

धार । अयोध्या में निर्मित भगवान श्री राम लाल की जन्मस्थली पर होने जा रहा है प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर देशभर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आह्वान पर विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं जिसके निमित्त राजा भोज की नगरी धार में स्थानीय गार्डन में रामोदय युवा संगम कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें सैकड़ो की संख्या में राम भक्त युवाओं ने हिस्सा लिया कार्यक्रम में मंच पर विहिप के चेतन चौहान व मुख्य वक्ता पीयूष शर्मा बैठे थे कार्यक्रम के प्रारंभ सामूहिक गीत से हुआ जिसके पश्चात मुख्य वक्ता ने अपना उद्बोधन प्रारंभ किया श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहां की राम मंदिर का निर्माण तो इतने वर्षों के संघर्ष के बाद हो चुका है अब मंदिर निर्माण के साथ ही युवा संकल्प ले कि वह रामराज्य की कल्पना को साकार करें । उन्होंने राम मंदिर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए राम मंदिर गाथा का भी बखान किया उन्होंने कहा कि राम जी का मंदिर त्रेता युग में भगवान श्रीराम के पुत्र कुश नें बनवाया था जिसके बाद आतताइयों ने उसे तोड़ दिया, जिसके बाद द्वापर युग में मंदिर निर्माण हुआ फिर बाद कलयुग का प्रारंभ हुआ जिसमें उज्जैन (अवंतिका) के राजा सम्राट विक्रमादित्य को एक स्वप्न आया जिसके बाद उन्होंने अयोध्या में जाकर 86 खंबे वाला राम मंदिर का निर्माण करवाया जो की 1000 वर्षों तक अपने स्थान पर हिंदू समाज की आस्था का केंद्र बन खड़ा रहा। फिर भारत में मुस्लिम आक्रांताओ का आगमन हुआ जिसके बाद सालार मसूद नाम के आक्रांत ने पहली बार राम मंदिर को तोड़ा, इसके बाद पुनः राम मंदिर की स्थापना के बाद सन 1526 में बाबर भारत में आया व बाबर के आगमन के बाद मीरबाकी ने मंदिर तोड़ने के लिए प्रयास किया जिसमें लाखों हिंदू बलिदान दिया।


।बाबरी का ढांचा हिंदू समाज को कलंक के टीके के जेसा लगने लगा था सन 1990 में समस्त भारत के हिंदू समाज से कारसेवा का आव्हान किया गया जिसमें लाखों हिंदू अयोध्या पहुंचे जहां उन्होंने विवादित ढांचे पर भगवा पताका लहराकर उस ढांचे पर अपना अधिकार स्थापित किया तत्कालिक सरकार ने हिंदुओं पर गोलियां चलवाई जिसमें कई बंधूऔ की जान चली गई 30 अक्टूबर कि वह कारसेवा राम मंदिर निर्माण में कई बंधूओ की आहुति ले गई। इसके पश्चात सन 1992 में पुनः कारसेवा का आग्रह किया गया फिर हिंदू समाज अपने प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए कटिबंध होकर अयोध्या पहुंचे 1992 की कारसेवा में 6 दिसंबर के दिन विवादित ढांचे को समतल कर उस स्थान पर प्रभु श्री राम लाल को विराजमान किया गया जो की गौरव का विषय था रामलाल स्थापना के बाद संविधान व न्यायपालिका में आस्था रखने वाले हिंदू समाज ने न्यायालय में अनेक वर्षों तक प्रभु श्री राम को मंदिर में स्थापित करने के लिए भी संघर्ष किया सन 2019 में अनुकूल परिस्थितियों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने श्री राम मंदिर निर्माण की अनुमति दी जिसे हम आज बनाकर सरकार होते देख रहे हैं।


राम मंदिर संघर्ष की बात की जाए तो इसमें हर जाति, वरन के व्यक्तियों ने य़ह संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप आज राम मंदिर बनकर खड़ा है । रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हमें राम राज्य की स्थापना के लिए कटिबंध होना पड़ेगा राम राज्य की परिकल्पना से आशय वर्तमान में न्याय व्यवस्था को मनाना, अपने कर्तव्य का शुद्ध अंतर कारण से निर्वहन करना, अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से कार्य करना, जैसे विभिन्न कार्य ही राम मंदिर व रामराज्य के सपने को साकार करेंगे। कार्यक्रम के अंत में आगामी होने वाले रामोत्सव कार्यक्रम में आने का भी आग्रह किया गया। उक्त कार्यक्रम 21 जनवरी को शाम 6 बजे स्थानीय घोड़ा चौपाटी पर होगा जिसमें राम रक्षा स्त्रोत का विश्व कीर्तिमान स्थापित होगा। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र सिंह ठाकुर नें किया वही आभार निखिल जोशी ने माना

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