कबीर मिशन समाचार।
उज्जैन। पश्चिम रेलवे में जिम्नास्टिक प्रशिक्षक विकास सारस्वत एवं सहायक प्रशिक्षक सरफराज अहमद द्वारा पश्चिम रेल्वे मे जिमनास्टिक की खेल कोटे की भर्ती में मनमानी, मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों को चयनित ना करते हुए दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों का किया चयन। दरहसल उज्जैन जिला जिम्नास्टिक खिलाड़ियों व एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम रेल्वे द्वारा दिनांक 30/08/2022 को नोटिफिकेशन नं. RRC/WR/02/2022 (SPORTS QUOTA) खेल मे भर्ती हेतु अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमे जिमनास्टिक के खेल के 2 पद थे रेल्वे बोर्ड की पालिसी एवं स्वयं पश्चिम रेल्वे द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार लेवल 2 या लेवल 3 के पद हेतु खेल कोटा के अन्तर्गत नौकरी प्राप्त करने हेतु आल इंडिया इन्टर युनिवर्सिटी प्रतियोगिता मे कम से कम तीसरा स्थान होना अनिवार्य है। यह तीसरा स्थान जिमनास्टिक की तीनो प्रतियोगिताओ मे से किसी भी एक प्रतियोगिता का हो सकता है। इसमे कही भी आलराउंडर शब्द का उल्लेख नही है साथ ही यह भी नहीं लिखा है कि जिमनास्टिक की कोई विशेष प्रतियोगिता जैसे आलराउंडर इंडीविजुअल चैम्पीयनशिप मे कम से कम तीसरा स्थान पाने पर ही भर्ती की जावेगी। उज्जैन के आवेदक खिलाड़ी की खेल उपलब्धी इससे अधिक है। (1) मोहित पंजाबी के पास 2 स्वर्ण पदक एवं 2 कांस्य पदक (2) रितेश जादव के पास 2 कांस्य पदक (3) ऋषिराज सिंह चौहान के पास 1 कांस्य पदक होने के बावजूद इन तीनो खिलाड़ीयो को चयन प्रतियोगिता मे नही बुलाया गया और आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया।
प्रशिक्षकों ने मनमानी कर पात्र खिलाड़ियों को बताया अपात्र
आल इंडिया यूनिवर्सिटी जिमनास्टिक चेम्पीयनशिप 2021-22 दिनांक 23 मार्च से 25 मार्च 2022 तक गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर द्वारा आयोजित की गई थी उसकी आलराउंड इंडीविजुअल चैम्पीयनशिप के फाइनल रिजल्टशीट की वरीयता सूची के अनुसार उज्जैन के मोहित पंजाबी 69.10 अंक प्राप्त कर 9 वे स्थान पर है। इसी प्रकार उज्जैन के एक और खिलाड़ी रितेश जादव 63.75 अंक प्राप्त कर 20 वे स्थान पर है। इसी प्रकार सनीसिंह 70-80 अंक प्राप्त कर 4वे स्थान पर है। साहिल यादव 66.85 अंक प्राप्त कर 11 वे स्थान पर है। इन चारो खिलाड़ीयो को अपात्र घोषित करते हुए चयन प्रतियोगिता मे भाग लेने से वंचित कर दिया गया है और इनके आवेदन रिजेक्ट कर दिये गये हैं। जबकि उक्त प्रतियोगिता में गौरव शर्मा 59.60 अंक प्राप्त कर 27वे स्थान पर है और उसके पास टीम चैम्पीयनशिप का सिर्फ 1 ब्रांज मेडल है और उज्जैन के खिलाड़ीयों से कम उपलब्धी होने के बावजूद पात्र घोषित करते हुए नियमो के विरूद्ध उसे चयन प्रतियोगिता मे भाग लेने का अवसर दिया गया और उसे विशेष लाभ पहुंचाया गया।
खिलाड़यों को पश्चिम रेल्वे ने बताया अपात्र तो साउथ सेंटर रेल्वे में दिया अवसर- पश्चिम रेल्वे के नियम पर उठे सवाल
इन सभी खिलाड़ीयों के साथ जो अन्याय हुआ है उसका एक ठोस प्रमाण यह भी है कि ईस्टर्न रेल्वे और साउथ सेन्ट्रल रेल्वे ने भी भर्ती हेतु अधिसूचना जारी की थी इसमे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि ईस्टर्न रेल्वे की पात्र खिलाड़ीयो की सूची मे 4 खिलाड़ी ऐसे है जिसे पश्चिम रेल्वे ने अपात्र घोषित किया गया था। ईस्टर्न रेलवे द्वारा उन चारो खिलाड़ीयों को चयन प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बुलाया भी गया और दो खिलाड़ीयों का चयन भी किया गया है इसमे से एक उज्जैन का खिलाड़ी मोहित पंजाबी और दूसरा साहिल यादव हैं।
इसी प्रकार साउथ सेन्ट्रल रेल्वे की पात्र खिलाड़ीयो की सूची मे एक उज्जैन का खिलाड़ी रितेश जादव भी हैं जिसे साउथ सेन्ट्रल रेल्वे द्वारा चयन प्रतियोगिता मे भाग लने का अवसर दिया गया है। इसी प्रकार नार्थन रेलवे द्वारा भी खेल कोटा में भर्ती हेतू नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उसमें उल्लेखनीय एव आश्चर्यजनक तथ्य यह हैं कि पश्चिम रेल्वे द्वारा साहिल यादव एवं मंगेश कुमार को यह कहते हुए अपात्र घोषित किया था कि यह आल राउंडर नही हैं जबकि नार्थन रेलवे द्वारा उन्हे आल राउंडर भी मानते हुए चयन प्रतियोगिता में बुलाया गया और भर्ती हेतु उन्हें सिलेक्ट भी कर लिया गया है।
क्या खेल कोटे की भर्ती में बदलते हैं नियम या विकास और सरफराज ने भर्ती में की धांधली
इसी प्रकार यह सभी बाते शक पैदा करती है कि खिलाड़ी भी वही, प्रमाण पत्र भी वही, मेडल भी वही, इन्हें पश्चिम रेल्वे में अपात्र घोषित करते हुए आवेदन रिजेक्ट कर दिये गये और अन्य झोनल रेल्वे द्वारा उन्हे पात्र घोषित करते हुए प्रतियोगिता में बुलाया भी और सिलेक्ट भी किया गया। पूरी भारतीय रेल्वे मे सभी जगह नियम एक समान होते हैं।
इन सभी घटनाओ का सार यही है कि प.रेल्वे के जिमनास्टिक प्रशिक्षक विकास सारस्वत एवं सहायक प्रशिक्षक सरफराज अहमद यह दोनो प.रेल्वे की चयन समिति के सदस्य थे। इनके द्वारा ही पूरी चयन प्रतियोगिता आयोजित की गई। चयन प्रतियोगिता कहा होगी इसके कौन-कौन से निर्णायक रहेंगे इनके द्वारा ही सभी आवेदनो को जाँचा परखा गया तथा अंतिम सूची बनाई गई।
जिमनास्टिक एक तकनीकि खेल होने की वजह से इसकी तकनीकि जानकारी अधिकारियों को नही होती है इन दोनो प्रशिक्षको ने इसका लाभ उठाते हुए बड़ी चालाकी से खिलाड़ीयों के चयन की पात्रता के जो मापदंड होते है उसे मनमानी तरीके से रेल्वे के सारे नियमों एवं पालिसी की धज्जियाँ उड़ाते हुए बदलवा दिया। जिमनास्टिक की जो 3 प्रतियोगिताएं होती है उसमें से एक आलराउंडर इंडिविजुअल चैम्पियनशीप मे जो खिलाड़ी प्रथम द्वितीय या तृतीय होगा उसे ही चयन प्रतियोगिता में भाग लेने की पात्रता होगी ऐसा मापदंड स्वयं निर्धारित कर लिया और उसी को आधार बनाते हुए उन्होने उज्जैन से बाहर के 2 खिलाड़ीयो को चयन प्रतियोगिता मे सम्मिलित ही नही किया बल्कि उन्हें सिलेक्ट कर नौकरी भी दे दी गई है। विकास सारस्वत एवं सरफराज एहमद यह दोनो प्रशिक्षक उत्तर प्रदेश के है और भर्ती से पूर्व इन दोनो ने जिमनास्टिक सेंटर में खुला चैलेंज कर दिया था कि हम उज्जैन के किसी भी खिलाड़ी को नहीं लेंगे और उनका भविष्य बर्बाद कर देंगे तुमसे जो बने कर लेना कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता और अब उज्जैन से बाहर के दो खिलाड़ीयों को भर्ती करने के बाद भी यह कह रहे है कि हमने जो कहा था कर के दिखा दिया और कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सका इनके द्वारा नियमों एवं पालिसी का उल्लंघन करना उज्जैन के खिलाड़ीयो के साथ बदले की भावना, पक्षपात, भेदभाव करना तथा 16 आवेदक खिलाड़ीयो मे से सिर्फ 3 खिलाड़ीयो को बुलाना और दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया द्वारा उज्जैन से बाहर के खिलाड़ीयो को लाभ पहुंचाते हुए भर्ती करना शक पैदा करता है और इसमे साफ तौर से भ्रष्टचार की बू आ रही है। विकास सारस्वत जिम्नास्टिक प्रशिक्षक के विरुद्ध रतलाम मण्डल में कई विभागीय जांच चल रही हैं।
उज्जैन के खिलाड़ियों का भविष्य बर्बाद करने में मुख्य भूमिका प्रशिक्षकों की
पश्चिम रेल्वे में वर्ष 1975 से जिमनास्टिक के खिलाड़ीयो की भर्ती होती चली आ रही है। विकास सारस्वत एवं सरफराज एहमद के कार्यकाल में पश्चिम रेलवे के जिम्नास्टिक इतिहास में 48 वर्ष में यह पहली बार हुआ है कि इस प्रकार से उज्जैन के खिलाड़ीयो के साथ अन्याय करते हुए उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
आश्चर्य का विषय है कि रतलाम मंडल के सभी अधिकारियों एवं मुंबई के भी सभी अधिकारियों को उपरोक्त तथ्यो की सच्चाई संज्ञान में होने के पश्चात भी यह दोनो पद पर बने हुए है एवं इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही आज तक नही हुई है क्योंकि इन्हें अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
उपरोक्त सभी तथ्यों पर जब खेल अधिकारी से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि जिमनास्टिक एक तकनीकि खेल है जिसकी तकनीकि बारिकियो की जानकारी हमे नही होती है हमे तो कोच विकास सारस्वत एवं सहायक कोच सरफराज एहमद जो कि चयन समिति के सदस्य भी है इनके बताए हुए नियमों का पालन किया
इसी प्रकार जब विकास सारस्वत एवं सरफराज एहमद से इसके बारे मे चर्चा की गईं तो उन्होंने अपनी गलती छुपाते हुए यह कहाँ कि अधिकारियों ने हमसे कुछ नहीं पूछा और न ही कुछ बताया यह सब अधिकारियो द्वारा अपनी मर्जी से किया गया।